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फिर डसने लगा कुपोषण का दंश, पिछले दो माह में 13 ने गंवाई जान

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिले की पर्यटननगरी मेलघाट अंतर्गत रहनेवाले गरीब आदिवासी परिवारों को एक बार फिर से कुपोषण के कहर से जूझना पड़ रहा है। पिछले दो महीनों में मेलघाट अंतर्गत 13 कुपोषणग्रस्त बालक अपनी जान गंवा चुके हैं। अचानक से बढ़ी इन संख्या को देखकर लग रहा है कि मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण की त्रासदी फिर भयावह रूप धारण करने लगी है। हाल के कुछ वर्षों में वार्षिक आंकड़ों के अनुसार लगातार कुपोषण के मामलों में कमी देखी गई थी। वहीं कुपोषण से होनेवाली बालमृत्यु दर भी नियंत्रित नजर आने लगी थी। लेकिन कोरोना का कहर थमते ही एक बार फिर से कुपोषण का खतरा बढ़ने लगा है। राज्य सरकार द्वारा कुपोषण मुक्ति के लिए चलाई जानेवाली योजनाओं को धारणी तथा चिखलदरा क्षेत्र में प्रभावी रूप से अमल में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद निराशा के स्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। जानकारों का कहना है कि गरीबी व गुणवत्तापूर्ण भोजन के अभाव के चलते यह मामले तो बढ़ ही रहे हैं, लेकिन अंधश्रद्धा, उपचार की कमी भी कुपोषण मृत्यु का एक अहम कारण है। मेलघाट के स्वस्थ्य केंद्रों में अब भी पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसके चलते भी कई बार बीमारियों से जूझ रहे बालकों को उपचार उपलब्ध नहीं हो पाता और नतीजतन बाल मृत्यु की त्रासदी को झेलना पड़ता है।
Created On :   19 Oct 2021 5:50 PM IST