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कोयले की कमी से जूझ रहा मंगठार पॉवर प्लांट, 1 दिन का बचा कोयला
डिजिटल डेस्क, शहडोल। संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन मंगठार में पिछले कई महीनों से कोयला की कमी बनी हुई है। बीते तीन माह में दो से तीन दिन के लिए कोयला स्टॉक रहता है। यदि एक दिन भी कोयला सप्लाई प्रभावित हुई तो बिजली यूनिटों को रन करने में मुसीबत खड़ी हो जाती है। यह स्थिति तब है जब कोयला की लायजिनिंग के लिए 55 लाख का ठेका दिया गया है। कोयला की सप्लाई को लेकन थर्मल पॉवर मंगठार स्टेशन के अधिकारी तीन माह से जूझ रहे हैं।
सोमवार को कोयला की कमी के चलते 500 मेगावाट की इकाई बंद करनी पड़ीं जबकि अन्य इकाईयों को भी कम लोड पर चलाया जा रहा है। बताया गया है कि सोमवार दोपहर में 500 मेगावाट की इकाई भी कोयले की कमी के कारण ठप्प हो गई। 1340 मेगावाट क्षमता के प्रदेश के सबसे बड़े ताप बिजलीघर में मात्र 28 हजार मीट्रिक टन कोयला स्टॉक में होना बताया जा रहा है। परिणाम स्वरूप बिजली घर में मात्र 210 मेगावाट की 2 और 4 नम्बर इकाई से 350 मेगावाट बिजली बन रही है। पॉवर प्लांट में पांचों इकाईयों के चलने पर प्रतिदिन 20 से 22 हजार मीट्रिक टन कोयला की खपत होती है। सभी सभी इकाईयां फुल लोड पर चलाई जाएं तो एक दिन में ही कोयला समाप्त हो जाएगा।
कोयले की व्यवस्था, गुणवत्ता, समुचित और सही समय पर रेल रेक अरेंजमेंट आदि के लिए कोल लायजनिंग का ठेका 55 लाख रुपए की दर से दिया गया है और नतीजा यह कि कोयले की कमी से आए दिन इकाईयां ठप हो रही हैं। जून माह में अमरकंटक में आयोजित नमामि देवी नर्मदे कार्यक्रम के बाद कोल ऐश की निकासी नहीं होने से एक सप्ताह तक मंगठार की तीन यूनिटें ठप रहीं। तब भी पॉवर प्लांट प्रबंधन ने कोयला स्टॉक बढ़ाने के प्रयास नहीं किए। जून माह से अब तक दर्जनों बार यूनिटों पर बिजली उत्पादन रोका गया।
Created On :   21 Aug 2017 11:44 PM IST