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मराठावाडा की वॉटर ग्रिड योजना को फिर मिलेगी गति, सीएम-डीसीएम ने की समीक्षा बैठक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के समय ठंडे बस्ते में डाल दी गई मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड योजना को गति मिलने के आसार नजर आने लगे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अफसरों को मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड योजना के बारे में प्रेजेंटेशन देने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार की 14 योजनाओं का लाभ महाराष्ट्र में लाभार्थियों तक पहुंचने को लेकर मंत्रालय में समीक्षा की।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड योजना से केंद्र सरकार की योजनाओं के कुछ घटक को शामिल कर सकने की संभावना को तलाशने का आदेश दिया। इसके पहले मराठवाड़ा में पड़ने वाले सूखे के संकट से निपटने के लिए तत्कालिन भाजपा सरकार ने जुलाई 2019 में मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड योजना को मंजूरी दी थी। इजराइल की मदद से मराठवाड़ा के गांवों में पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य था। लेकिन नवंबर 2019 में महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद से मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था। लेकिन अब सरकार बदलने के बाद मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड योजना को गति मिलने की उम्मीद है।
आकांक्षी जिले में जाएंगे पालक सचिव
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के आकांक्षी जिले के एक गांव में पालक सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों को जाकर ठहरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पालक सचिव आकांक्षी जिलों में लाभार्थियों को अपने हस्ताक्षर का पत्र प्रदान करें। इन योजना में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश करें। बैठक के दौरान जल जीवन मिशन, कौशल्य विकास, प्रधानमंत्री आवास योजना, जनस्वास्थ्य योजना, अटल पेंशन योजना, पीएम गतिशक्ति योजना, पीएम स्वनिधि योजना, राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति सहित विभिन्न 14 योजनाओं को लागू करने के संबंध में समीक्षा की गई।
एक जिला, एक उत्पादन
बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ‘एक जिला, एक उत्पादन’ की परिकल्पना के तहत प्रत्येक जिले एक विशिष्ट उत्पादन के लिए पहचाना जाना चाहिए। वह उत्पादन उस जिले का ब्रांड होना चाहिए। उस उत्पादन के निर्यात और उसकी बाजार में उपलब्धता के संबंध में तैयारी होनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी आधार कार्डों की पहचान के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाए जाए। इसके लिए हर ब्लॉक में गांवों को चिन्हित किया जाए। उपमुख्यमंत्री ने राज्य के जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना को 100 प्रतिशत लागू करने का आदेश दिया।
पिछले ढाई साल में केवल 12 प्रतिशत घरों का निर्माण हो पाया- उपमुख्यमंत्री
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण की समीक्षा की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का काम 74 प्रतिशत पूरा हो चुका है। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का काम केवल 12 प्रतिशत पूरा हो सका है। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत 17 लाख घर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। पर पिछले ढाई सालों में केवल 12 प्रतिशत घरों का निर्माण हुआ है। इस कारण शहरी इलाकों में रहने वाले गरीब नागरिकों को केंद्र सरकार से निधि उपलब्ध होने के बावजूद घर नहीं मिल पाया है। इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी को गति देने के लिए तीन महीने के भीतर एक्शन प्रारूप पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
Created On :   1 Aug 2022 9:52 PM IST