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मुख्य सचिव व दो वरिष्ठ सचिवों की वजह से आईएएस बनने से चूके मराठी अधिकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने राज्य सरकार के मराठी भाषी अधिकारियों पर अन्याय होने का दावा किया है। सोमवार को पाटील ने कहा कि बीते महीने दिसंबर में राज्य के मुख्य सचिव और दो वरिष्ठ सचिव प्रमोटी आईएएस के लिए आवेदन करने वाले अधिकारियों के साक्षात्कार लेने के लिए समय पर नहीं पहुंच पाए, इस वजह से मराठी अधिकारियों का पदोन्नति के जरिए आईएएस बनने का मौका चूक गया। अब इन अधिकारियों को साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करना पड़ेगा। पाटील ने सोमवार को कहा कि राज्य में मराठी के मुद्दे पर आवाज उठाने वाली शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ही मुख्यमंत्री हैं। इसके बावजूद सरकार की लापरवाही के कारण मराठी अधिकारियों का पदोन्नति के जरिए आईएएस बनने का मौका चूक गया है। मराठी के मुद्दे पर आवाज उठाने वाले सत्ताधारी शिवसेना को इस पर जवाब देना चाहिए। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार की सेवा में शामिल अधिकारियों को पदोन्नति से आईएएस दर्जा प्राप्त करने का मौका मिलता है। इसके लिए राज्य सरकार को पात्र अधिकारियों का नाम केंद्र सरकार के पास भेजना पड़ता है। इसके बाद अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के समय केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को मौजूद रहना पड़ता है। लेकिन दिसंबर महीने में राज्य के तीन वरिष्ठ अधिकारी साक्षात्कार के लिए पहुंचे ही नहीं। इस बीच पाटील ने दावा किया कि राज्य सरकार ने पदोन्नति के जरिए आईएएस बनने के लिए पात्र साल 2020 के अधिकारियों का प्रस्ताव साल 2021 के आखिरी तक नहीं भेजा है। इससे मराठी भाषी आईएएस अफसरों का प्रतिशत नहीं बढ़ पा रहा है। पाटील ने कहा कि सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं रह गया है। सरकार के बेफ्रिक रवैये का फायदा वरिष्ठ अधिकारी उठा रहे हैं। सरकार की लापरवाही के कारण मराठी अधिकारियों का नुकसान हो रहा है।
Created On :   3 Jan 2022 9:53 PM IST