उमरिया से आई प्रसूता के पति ने बयां की जिला अस्पताल शहडोल की लापरवाही

Maternal husband from Umaria told the negligence of Shahdol at the district hospital
उमरिया से आई प्रसूता के पति ने बयां की जिला अस्पताल शहडोल की लापरवाही
उमरिया से आई प्रसूता के पति ने बयां की जिला अस्पताल शहडोल की लापरवाही

कलेक्टर के फोन किए जाने के बाद आईं मैडम, फिर भी निजी अस्पताल में कराना पड़ा प्रसव
मैडम ने कहा था, मां-बेटे की हालत खतरे में है, कहीं और ले जाओ
डिजिटल डेस्क शहडोल ।
संभागीय मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल की अव्यवस्थाएं अब यहां आने वाले मरीजों और उनके अटेंडेंट के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही हैं। कथित लापरवाही के चलते हुई बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर इलाज करने से एक तरह से कतराने लगे हैं तो मरीज के अटेंडेंट भी अब कोई जोखिम लेने को तैयार हैं। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि उमरिया से आई प्रसूता अंजलि यादव के पति विजय यादव ने बुधवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में जिला अस्पताल शहडोल के साथ उमरिया जिला चिकित्सालय के भी बिगड़े रवैये व लापरवाही बयां की।
उमरिया में कह दिया कोई डॉक्टर नहीं है
उमरिया जिले के नौरोजाबाद के पास पिनौरा गांव निवासी विजय ने बताया कि सोमवार रात से प्रसव पीड़ा बढऩे पर मंगलवार सुबह 4 बजे उमरिया अस्पताल ले गए। जहां भर्ती करने के बाद स्टॉफ  व नर्स नार्मल स्थिति बताते रहे। फिर बताया कि बच्चे के मुंह में गंदा पानी चला गया है। थैली फट चुकी है। यहां कोई डॉक्टर नहीं है, इसलिए शहडोल ले जाओ। बड़ी मुश्किल से एम्बुलेंस दी गई, जो रुक-रुककर शहडोल पहुंची।
अलसुबह पहुंच गए थे शहडोल
विजय के मुताबिक वे लोग सुबह करीब 7 बजे के आसपास शहडोल जिला चिकित्सालय पहुंच गए थे।  पर्ची कटाने के बाद अंजलि को भर्ती करा दिया। उसे लेबर रूम ले गए, लेकिन किसी को उसके पास जाने नहीं दिया जा रहा था। हालत कैसी है, पूछने पर कुछ नहीं बताया जा रहा था। चूंकि, यहां पहले कई बच्चों की मौत हो चुकी है, हमारे साथ भी अनहोनी न हो जाए, इसलिए किसी से नंबर लेकर कलेक्टर साहब को फोन कराया।
कलेक्टर के फोन पर मैडम पहुंचीं
कलेक्टर साहब को फोन किए जाने के कुछ देर बाद 4-5 मैडम पहुंचीं और बोलीं कि मां-बेटे की हालत खतरे में है, बच्चा पानी पी गया है, उसके सिर में सूजन है। कहीं और ले जाओ। मैं घबरा गया। इस बीच एक कर्मचारी ने छुट्टी वाले कागज पर साइन करा लिये। हम मजबूरी में निजी अस्पताल गए, जहां आधे घंटे में सीजर किया गया। जहां मेरी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया।   
इनका कहना है
मामले की जांच करा रहे हैं, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ  कार्रवाई करेंगे। जिला अस्पताल शहडोल में रेफरल केस का बोझ कम करने के लिए आसपास के जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों और सीएमएचओ से भी बात करेंगे।
डॉ. मेघ सिंह सेंगर, सीएमएचओ शहडोल

Created On :   17 Dec 2020 5:49 PM IST

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