नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने वाले मौलाना को 20 साल की सजा

Maulana sentenced to 20 years for sexually assaulting minor
नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने वाले मौलाना को 20 साल की सजा
विशेष अदालत नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने वाले मौलाना को 20 साल की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिक्षक से संरक्षक के रूप में कार्य करने की अपेक्षा की जाती है, पाक्सो की विशेष अदालत ने यह बात कहते हुए आठ साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न के आरोपी मौलाना को दोषी ठहराते हुए 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है। पीड़ित बच्ची आरोपी मौलाना के घर कुरान पढ़ने जाती थी। विशेष न्यायाधीश सीमा जाधव ने आरोपी मौलाना के उस तर्क को अस्वीकार कर दिया जिसमें उसने कहा था कि उसे मजहबी दुश्मनी के चलते झूठे मामले में फंसाया गया है। आरोपी ने दावा किया था कि पीड़िता सुन्नी पंथ की है जबकि मैं देवबंदी पंथ का हूं। इसके अलावा पीड़ित बच्ची का परिवार बांग्लादेशी है और वह अवैध रुप से यहां रह रहा था। इसी के चलते मुझे इस मामले में फंसाया गया है। न्यायाधीश ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376एबी व पाक्सो कानून की धारा 6 के तहत दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले से जुड़ी पीड़िता आठ साल की बच्ची है जबकि आरोपी सामान्य व्यक्ति न होकर एक शिक्षक है। शिक्षक का पेशा ऐसा है जो बच्चों का भविष्य संवारता है। इसलिए शिक्षक का पेशा अन्य पेशे की तुलना में एक अलग प्रभाव रखता है। इसलिए शिक्षक से अपेक्षित है कि वह संरक्षक बने। किंतु मामले से जुड़े आरोपी ने ऐसा जघन्य अपराध किया है जो पीड़ित बच्ची को जीवनपर्यंत मानसिक व भावनात्मक ठेस पहुंचाएगा और पीड़ित बच्ची ताउम्र खौफजदा रहेगी। आरोपी ने जैसे अपराध को अंजाम दिया है वह पीडिता के आगे के जीवन के नजरिए पर भी असर डालेगा। इसलिए आरोपी के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जा सकती है।

न्यायाधीश ने अपने फैसले में नोबल शांति पुरस्कार विजेता कोफी अन्नान के कथन का उल्लेख किया जिसमें श्री अन्नान ने कहा है कि ‘महिला के खिलाफ हिंसा सबसे शर्मनाक मानवाधिकार का उल्लंघन है। यह व्यापक रुप से नजर आता है। इसलिए जब तक इस तरह के मानवाधिकार का उल्लंघन जारी रहेगा तब तक हम समानता व विकास की वास्तविक प्रगति का दावा नहीं कर सकते हैं।’

मामले से जुडी पीड़िता व आरोपी कुर्ला इलाके में एक ही इमारत में रहते थे। पीड़िता आरोपी के यहां अरबी भाषा में लिखी कुरान पढने के लिए जाती थी। 26 मई 2019 को आरोपी ने पीड़ता का यौन उत्पीड़न किया तो पीड़ित बच्ची ने इसकी जानकारी अपनी मां को दी। इसके बाद मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट ने मामले को लेकर पीड़ित बच्ची की गवाही व अन्य सबूतों पर गौर करने के बाद आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे 20 साल के कारावास की सजा सुनाई। 
 

Created On :   31 Oct 2022 10:11 PM IST

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