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नक्सल प्रभावित इलाके की पहली महिला पायलट मयूरी ने बढ़ाया लड़कियों का आत्मविश्वास
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। गड़चिरोली जिले के पुलिस दल में पवनहंस नामक हेलीकॉप्टर के लिए पहली महिला पायलट के रूप में नियुक्त मयूरी देशमुख ने छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ाने का उल्लेखनीय कार्य किया है। पीएलजीए सप्ताह के दौरान एटापल्ली में छात्राओं के लिए आयोजित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में मयूरी ने उन्हें जीने के सलीखा सिखाया। आपको बता दें कि, 3 दिसंबर से मयूरी गड़चिरोली पुलिस दल के पवनहंस हेलीकॉप्टर में बतौर महिला पायलट के रूप में कार्यरत हुई हैं।
नक्सल प्रभावित इलाके की पहली महिला पायलट मयूरी ने बढ़ाया छात्राओं का आत्मविश्वास
गड़चिरोली के इतिहास में मयूरी पहली महिला पायलट है। एटापल्ली स्थित भगवंतराव कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में आयोजित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में मयूरी ने छात्राओं के साथ विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की और मार्गदर्शन किया। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी शिवाजीराव बावरकर की पोती मयूरी ने सन् 2008 में अमेरिका में पायलट का प्रशिक्षण पूरा किया। 2009 से वे पायलट के रूप में सेवा दे रही हैं।
आगे बढ़ने के लिए शिक्षा को बताया जरूरी
कार्यक्रम में मयूरी ने कहा कि, आगे बढ़ने के लिए शिक्षा जरूरी है। एक सपना लेकर आगे बढऩा चाहिए। सपने को साकार करना ही जीत है। इस अवसर पर एटापल्ली के उपविभागीय पुलिस अधिकारी किरणकुमार सूर्यवंशी, थानेदार विट्ठल आचेवार, प्राचार्य डा. एस.एन. बुटे, शिक्षक पठान आदि के साथ महाविद्यालयीन छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।
अमेरिका में पायलट का लिया प्रशिक्षण
3 दिसंबर से गडचिरोली में तैनात मयूरी को अमेरिका में पायलट के रूप में प्रशिक्षण मिला है। साल 2009 में वहां से लौटने के बाद, उन्हें पवन हंस लिमिटेड का पायलट बनाया गया। उनके पिता, विश्वराव, भारतीय वायु सेना में समूह के कप्तान थे। मयूरी के दादा भी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रह चुके हैं। छोटी बहन राधिका निजी एयरलाइंस में पायलट है। स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए मयूरी ने कहा कि जीवन में साहस से बड़े सपनों को साकार किया जा सकता है।
Created On :   10 Dec 2017 5:56 PM IST