मराठा आरक्षण को लेकर सीएम के साथ होगी बैठक, चव्हाण बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला आश्चर्यजनक, ‌BJP ने साधा निशाना

Meeting with CM on Maratha reservation
मराठा आरक्षण को लेकर सीएम के साथ होगी बैठक, चव्हाण बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला आश्चर्यजनक, ‌BJP ने साधा निशाना
मराठा आरक्षण को लेकर सीएम के साथ होगी बैठक, चव्हाण बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला आश्चर्यजनक, ‌BJP ने साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण का मामला संविधान पीठ के पास भेजे जाने को अनपेक्षित बताते हुए मराठा आरक्षण को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा है कि यह फैसला आश्चर्यजनक है। इस बीच विपक्षी दल भाजपा ने मराठा आरक्षण को लेकर राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधा है। पीडब्लूडी मंत्री चव्हाण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम फैसले में  मराठा समुदाय को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत का यह फैसला अकल्पनिय है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के आरक्षण मामले को संविधान पीठ के पास भेजते समय आरक्षण के अमल पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई थी। इसके अलावा और कई मामले हैं जिसको सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठे के पास भेजा है। लेकिन उन मामलों में अंतरिम फैसला नहीं दिया था। लेकिन मराठा आरक्षण के मामले में ही अलग फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण की अगली सुनवाई अब संविधान पीठ के पास होगी। इस मामले में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इस लिए यह कहना सही नहीं होगा की मराठा आरक्षण पर रोक लगा दी गई है। चव्हाण ने बताया कि गुरुवार को इस संदर्भ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक होगी। जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मामले में केवल राजनीति कर रहे हैं।
 
इस सरकार में मराठा आक्षरण को बचाए रखने की इच्छा नहीः पाटील

मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महा आघाडी सरकार की मराठा आरक्षण को बनाए रखने की इच्छा नहीं दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने अथक परिश्रम के बाद मराठा समाज को आरक्षण दिया था। इसके पहले 15 सालों तक सरकार चलाने वाली कांग्रेस-राकांपा मराठा आरक्षण नहीं दे सकी थी। अब ऐसा लग रहा है कि हमारी सरकार द्व्रारा दिया गया आरक्षण बचाए रखने की इस सरकार की इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों द्वारा आरक्षण देने से आरक्षण सीमा 50 फीसदी से अधिक होने का मामला अदालतों में चल रहा है लेकिन महाराष्ट्र छोड़ कर किसी अन्य राज्य के मामले में ऐसा फैसला क्यों नहीं आया।  


 

Created On :   9 Sep 2020 3:01 PM GMT

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