राजस्व मंत्री पाटील को घेरने में जुटा विपक्ष, धनगर आरक्षण को लेकर नहीं चल सकी कार्यवाही 

Members are angry on dhangar reservation issue- ruckus in house
राजस्व मंत्री पाटील को घेरने में जुटा विपक्ष, धनगर आरक्षण को लेकर नहीं चल सकी कार्यवाही 
राजस्व मंत्री पाटील को घेरने में जुटा विपक्ष, धनगर आरक्षण को लेकर नहीं चल सकी कार्यवाही 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील पर पुणे के केसनंद और बालवाणी इलाकों में स्थित जमीनों को लेकर अपने फैसले से खास लोगों को फायदा पहुंचाने और सरकार को राजस्व का चूना लगाने के आरोपों पर गुरूवार को विधानसभा में हंगामा हुआ। हंगामें के चलते सदन का कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। मामले में चंद्रकांत पाटील ने निवेदन के जरिए विधानसभा में अपना पक्ष रखने की कोशिश की लेकिन जयंत पाटील ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि उन्होंने जो आरोप लगाए थे उसे कामकाज से निकाल दिया गया था फिर उस पर मंत्री को सफाई देने की इजाजत कैसे दी जा सकती है। इस मुद्दे पर विधानसभा के अंदर और विधानभवन की सीढ़ियों पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की और पोस्टर लहराए। गुरुवार को विवाद तब शुरु हुआ जब चंद्रकांत पाटील ने विधानसभा में स्पष्टीकरण देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हवेली तालुके के केसनंद की जमीन मूल रूप से चिमणा साली के नाम थी। यह जमीन इनाम वर्ग 3 की नहीं है। 1909 में साली के निधन के बाद जमीन उनके वारिस के नाम पर हस्तांतरित की गई। साल 1955 में म्हतोबा देवस्थान ट्रस्ट बनाकर उसके नाम जमीन हस्तांतरित की गई। 7/12 में ट्रस्ट का नाम है। 4 अक्टूबर 1997 को धर्मादाय आयुक्त की इजाजत से जमीन राधास्वामी सत्संग ब्यास को बेची गई।

Created On :   27 Jun 2019 9:40 PM IST

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