पारा चढ़ने लगा- बालापुर तहसील के कई गांवों में जल-संकट

Mercury started rising - water crisis in many villages of Balapur Tehsil
पारा चढ़ने लगा- बालापुर तहसील के कई गांवों में जल-संकट
जल किल्लत पारा चढ़ने लगा- बालापुर तहसील के कई गांवों में जल-संकट

डिजिटल डेस्क, बालापुर. तहसील में बादल छट गए है और पारा अब चढने लगा है। इसी बीच तहसील के कई गांवों में जलसंकट मंढरा रहा है। तहसील के कवठा, मालवाडा, लोहारा समेत ऐसे कई गांव है जहां पर जलापूर्ति का कोई नियोजन नहीं है। जिससे लोगों को जल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। कवठा गांव में तो हालात इतने खराब है कि लोगों को नदी में रेत की खुदाई कर गड्ढा बनाना पड़ता है और इस में से जो पानी निकलता है वह बर्तनों में भरकर घर लाना पड़ता है। यह पानी कतई पीने लायक नहीं है लेकिन स्वास्थ्य खतरें में डालकर यह खराब पानी पीने की नौबत यहां के लोगों पर आई है। बालापुर तहसील में उभरे जलसंकट का निवारण करने हेतू प्रशासन स्तर पर तुरंत नियोजन करना आवश्यक बन गया है।

बालापुर तहसील में कुछ गांव ऐसे है जहां पर हरसाल जलसंकट का सामना करने पर जनता मजबूर हो जाती है। तहसील के मालवाड़ा गांव में जल का नियोजन नहीं है। लिहाजा लोग कड़ी धूप में जल के लिए भटकते दिखाई देते है। जबकि लोहारा गांव में जलापूर्ति होती है लेकिन आठ से दस दिन में एक बार होती है। इससे लोगों को जल का भंडारण करना पड़ता है। अगर बीच में पानी समाप्त हो गया तो पानी के लिए दूर दूर भटकना पड़ता है। ऐसी ही हालत और कई गांवों की है। जिन में देगांव, बोरवाकडी, बटवाडी, सांगवी जोमदेव, खिरपुरी, मोरगांव भाकरे समेत अन्य कई गांवों का समावेश है। इसमें कई गांव में नल योजना है तो कुछ गांव में बोअर द्वारा जलापूर्ति होती है। लेकिन नियोजन के अभाव से लोगों को पर्याप्त जल नहीं मिलता है। लिहाजा ग्रीष्मकाल में लोगों को जल किल्लत का सामना करना पड़ता है। दूसरी तरक कवठा इस गांव में तो हालात बद से बदतर बनते जा रहे हैं। इस गांव में लोगों को सुबह से शाम होने तक जल की किल्लत से जूझना पड़ता है। दूसरा जलस्त्रोत न होने के कारण लोग नदी के पात्र में गड्ढे खोदकर उसमें जो पानी निकलता है वह बर्तनों में भरकर घर लाते हैं और उसीसे ही प्यास बुझाते है या दैनिक इस्तेमाल में लाते हैं। तहसील में इस तरह जनता जल के लिए जद्दोजहद कर रही है। प्रशासन और सरकार ने इस समस्या को सुलझाने के लिए तुरंत नियोजन करना आवश्यक बन गया है, ऐसा तहसील की जनता का कहना है।

11 गावों के लिए 14 उपाय
बालापुर तहसील के 11 गांवों में जलसंकट है और उसके लिए 14 उपायों का नियोजन ने प्रशासन की ओर से किया है। जिला प्रशासन ने जलसंकट निवारण का प्रारूप मंजूर किया है। इस में बालापुर तहसील के जलसंकट निवारण के लिए कृति प्रारूप में 11 गावों के लिए 14 उपायों को प्रस्तावित किया है। ग्रीष्मकाल से पहले यह नियोजन आवश्यक है, लेकिन क्या इससे तहसील के जलसंकट का निवारण होगा, ऐसा सवाल जनता का है।
 

Created On :   14 April 2023 9:58 AM GMT

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