Seoni News: टाइगर के 6 शिकारियों को दबोचा, 59 हड्डियां व 9 नाखून बरामद

टाइगर के 6 शिकारियों को दबोचा, 59 हड्डियां व 9 नाखून बरामद
  • डीआरआई नागपुर और फॉरेस्ट की टीम ने की संयुक्त कार्रवाई
  • टाइगर के अंगों की देश के साथ ही विदेश में भी डिमांड रहती है।
  • आरोपियों के तार कहां तक जुड़े हैं इसका पता लगाया जा रहा है।
Seoni News: बाघों के अंगों की तस्करी का मामला सामने आया है। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) नागपुर की टीम ने वन विभाग के दल के साथ बड़ी कार्रवाई करते हुए टाइगर के 6 शिकारियों को दबोचा है। उनसे टाइगर की 59 हड्डियां व 9 नाखून बरामद किए गए हैं। डीआरआई नागपुर की टीम को मिले इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई रूखड़ वन परिक्षेत्र के खापा गांव में की गई है।
पकड़े गए शिकारियों खापा निवासी विनोद इरपाचे व प्रहलाद, पांडेर निवासी सोहनलाल कुशराम, खरेखा खुर्द निवासी भीमराज, गोपालपुर कटंगी निवासी लकेश पटले व खेना राम पटले से पूछताछ की जा रही है। इनसे वन्य जीवों के शिकार को लेकर अन्य खुलासा होने की भी संभावना है। वहीं, पूछताछ कर इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता का भी पता लगाया जा रहा है।
करंट लगाकर किया था शिकार
वन विभाग के अनुसार आरोपियों ने रूखड़ रेंज के खापा गांव के जंगल में टाइगर का करंट लगाकर शिकार किया था। उसके नाखून और हड्डियों के अलावा अन्य अंग निकाल लिए थे। नाखून व हड्डियां अलग-अलग आरोपियों ने अपने पास रख लिए थे और टाइगर के शव को जंगल में दफना दिया था। टीम ने कार्रवाई करते हुए शव बरामद किया है, जो काफी सड़ चुका था। शव संभवत:
15
दिन पुराना माना जा रहा है।
ग्राहक बनकर पकड़े आरोपी
बताया गया कि आरोपी बाघ के अंगों को बेचने के फिराक में लग गए थे। डीआरआई नागपुर की टीम को सूचना मिली कि कुरई के पास खापा के लोग बाघ के अंगों को बेचने वाले हैं। इसके बाद डीआरआई ने वन विभाग की टीम से संपर्क किया। ग्राहक बनकर दो आरोपियों को पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर तीन अन्य आरोपी पकड़ में आ गए।
तार कहां से जुड़े पता लगा रही टीम
आरोपियों के तार कहां तक जुड़े हैं इसका पता लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि नागपुर तक डीआरआई को जानकारी मिली तो आरोपियों का कनेक्शन दूसरे राज्यों के तस्करों से जुड़े हो सकते हैं। पूर्व में भी टाइगर के अंगों की तस्करी का मामला सामने आया था, जिसमें आरोपियों के तार महाराष्ट्र, तेलंगाना और अन्य राज्यों तक मिले थे। कार्रवाई के लिए डीआरआई की सात सदस्यीय टीम के साथ विभाग के डिप्टी डायरेक्टर भी आए थे। हालांकि प्राथमिक जांच के बाद टीम चले गई। अब शेष कार्रवाई वन विभाग की टीम कर रही है।
लाखों रुपए में बिकते हैं टाइगर के अंग
टाइगर के अंगों की देश के साथ ही विदेश में भी डिमांड रहती है। शिकारियों से जुड़े तस्कर इनकी सप्लाई करते हैं। जानकारी के अनुसार टाइगर की खाल 5 लाख रुपए तक में बिकती है। नाखून 25 से 30 हजार रुपए तक में बेचे जाते हैं। मूंछ के बाल तंत्र-मंत्र, जादू-टोना में इस्तेमाल किया जाता है। हड्डियों से यौन वर्धक दवाईयां भी बनाई जाती हैं।
इनका कहना है
डीआरआई के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई करते हुए टाइगर के पांच शिकारियों को पकड़ा गया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि इनका नेटवर्क कहां तक था।
- गौरव मिश्र, डीएफओ, दक्षिण सामान्य वन मंडल

Created On :   10 July 2025 7:06 PM IST

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