टाटा कैंसर अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजन के लिए म्हाडा देगा 100 फ्लैट

MHADA will provide 100 flats for the families of patients coming to Tata Cancer Hospital
टाटा कैंसर अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजन के लिए म्हाडा देगा 100 फ्लैट
टाटा कैंसर अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजन के लिए म्हाडा देगा 100 फ्लैट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। परेल स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल में कैंसर की बीमारी के इलाज के लिए आने वाले मरीजों के परिजनों को रहने के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। टाटा अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के परिजनों और देखभाल करने वालों को रहने के लिए प्रदेश के गृहनिर्माण विभाग के महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने 100 फ्लैट उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। यह फ्लैट परेल शिवडी विभाग के महादेव पालव मार्ग, डॉ. बी ए रोड, करी रोड स्थित हाजी कासम चाल की इमारत में हैं। गुरुवार को प्रदेश के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने यह जानकारी दी। अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में आव्हाड ने कहा कि विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण समेत राज्य के सुदूर इलाकों से आने वाले मरीजों के परिजनों को रहने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 300 वर्ग फुट के 100 फ्लैट दिए जा रहे हैं। आगे चल कर कुल 200 फ्लैट उपलब्ध कराए जाएंगे। आव्हाड ने कहा कि फ्लैट में रहने की व्यवस्था के लिए राजनीतिक हस्तेक्षप से बचने के लिए टाटा अस्पताल को ही प्रबंध करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए म्हाडा और टाटा अस्पताल के बीच करार होगा। इसके बाद टाटा अस्पताल पर ही मरीजों के परिजनों को रहने के लिए फ्लैट का वितरण करने की जिम्मेदारी होगी। 

आव्हाड ने कहा कि आजादी के बाद म्हाडा की तरफ से मानवता की दृष्टिकोण से लिया गया यह पहला फैसला है। उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजन व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क किनारे और पुल के नीचे सोते हैं। इसलिए उन्हें रहने की व्यवस्था के लिए ईमानदार कोशिश की गई है। वहीं टाटा अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को फ्लैट में रहने के लिए न्यूनतम दर वसूला जाएगा। यह दर टाटा अस्पताल तय करेगा। अधिकारी ने कहा कि हम टाटा अस्पताल में इलाज के लिए हर रोज आने वाले 300 मरीजों के परिजनों के रहने के लिए प्रबंध करने का आग्रह करते हैं। बांद्रा और वडाला में परिजनों के रहने के लिए व्यवस्था है। लेकिन पर्याप्त आवास नहीं होने के कारण 60 प्रतिशत लोगों को रहने की सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाते। उन्होंने बताया कि टाटा अस्पताल में इलाज के लिए 39 प्रतिशत महाराष्ट्र और 61 प्रतिशत देश के दूसरे प्रदेशों से कैंसर मरीज आते हैं। टाटा अस्पताल में हर साल करीब 80 हजार मरीज आते हैं। पिछले साल कोरोना संकट के कारण 62 हजार नए मरीजों का इलाज किया गया। अब कैंसर के उपचार के लिए आने वाले मरीजों की संख्या पहले की तरह बढ़ती जा रही है। 

Created On :   25 March 2021 4:14 PM GMT

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