धान की फसलों को चट कर रही फौजी इल्लियां, किसान फिर संकट में घिरे

Military cats licking paddy crops, farmers again in trouble
धान की फसलों को चट कर रही फौजी इल्लियां, किसान फिर संकट में घिरे
धान की फसलों को चट कर रही फौजी इल्लियां, किसान फिर संकट में घिरे

डिजिटल डेस्क, देसाईगंज(गड़चिरोली)। आसमानी आफत किसानों के लिए थमने का नाम नहीं ले रहा है।  इस बार  शुरुआती दिनों से ही  खरीफ सत्र संकट में है। बुआई के दौरान बारिश की कमी और रोपाई कालावधि में हुई अतिवृष्टि के कारण किसानों चिंता में घिरे हुए हैं ।  तहसील के चोप व कोरेगांव क्षेत्र में धान की फसलों पर फौजी इल्लियों का प्रकोप दिखायी देने से किसानों की रही-सही उम्मीदें भी टूट रही है।

बता दें कि, गड़चिरोली जिला धान उत्पादक के रूप में परिचित हैं। स्थानीय किसानों द्वारा उगाए गए धान की बिक्री नागपुर समेत पुणे और अन्य बड़े शहरों में की जाती है। लेकिन पिछले तीन वर्षों से धान की फसलों पर संकटों के बादल मंडरा रहे हैं। विभिन्न तरह के कीटों के हमलों के कारण किसानों का वित्तीय नुकसान हो रहा है। वन कानून की अटकलों के कारण जिले की मुख्य 7 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य अधर में होने से किसानों को बारिश पर निर्भर रहकर धान की फसल उगानी पड़ रही है। इस वर्ष खरीफ सत्र के शुरुआती दिनों में बारिश का अभाव था। इसके चलते किसानों ने देरी से बुआई का कार्य आरंभ किया। तकरीबन 45 दिनों के उपरांत धान के पौधे रोपाई के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।  लेकिन इसी कालावधि में मूसलाधार बारिश शुरू  हो गई।

खेतों में करीब 5 फीट तक जलभराव की स्थिति निर्माण होने से रोपाई के कार्य अधर में अटक गये।। अधिकांश किसानों के धान के पौधे बाढ़ के पानी में भी बह गए। विभिन्न तरह की जद्दोजहद कर जैसे-तैसे किसानों ने धान की फसलों को नवसंजीवनी प्रदान की, लेकिन आज भी खेतों में कीचड़ और नमी बरकरार है। इसी कारण फसलों पर अब फौजी इल्लियों ने हमला कर दिया है। तहसील के चोप, कोरेगांव क्षेत्र के अधिकांश खेतों में फौजी इल्लियों का प्रकोप देखा जा सकता है।   स्थानीय कृषि विभाग द्वारा स्थिति को नियंत्रण में लाने के कोई प्रयास आरंभ नहीं किए जाने से किसानों ने नाराजगी व्यक्त की जा रही  है। 

 

Created On :   30 Sep 2019 9:53 AM GMT

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