- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- बगैर विधायक के मंत्री बनाने का...
बगैर विधायक के मंत्री बनाने का मुद्दा राजनीतिक - हाईकोर्ट, नवलखा को अंतरिम राहत बरकरार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के तीन मंत्रियों के मंत्री पद को चुनौती देनेवाली याचिका में उल्लेखित विषय को राजनीतिक मुद्दा बताया है, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील एसबी तालेकर के आग्रह को देखते हुए हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार को रखी है। इससे पहले तलेकर ने मंगलवार को न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति गौतम पटेल के सामने अपनी याचिका का उल्लेख किया। जिस पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा है। इस पर तालेकर ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा राजनीतिक नहीं कानूनी व संवैधानिक है। लिहाजा इसे अदालत के ध्यानार्थ लाया गया है। इसलिए याचिका पर सुनवाई की जाए। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर 24 जून को सुनवाई रखी।
हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए गृहनिर्माण मंत्री राधा कृष्ण विखे पाटील राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर व आरपीआई नेता अविनाश महातेकर के मंत्री पद को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका कारोबारी सुरेंद्र आरोरा व अन्य दो लोगों ने दायर की है। याचिका के अनुसार ये तीनों नेता विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। अब विधान सभा चुनाव होने में कुछ महीनों का समय ही शेष बचा है। जल्द ही चुनाव आचार संहिता लागू होनेवाली है। ऐसे में चुनाव आयोग के लिए तुरंत चुनाव करना मुश्किल है। इस लिहाज से राजनेता पाटील,क्षीरसागर व महातेकर मंत्री पद के योग्य नहीं है। लिहाजा उनके मंत्रीपद को रद्द किया जाए। या फिर उन्हें मंत्री के रुप में काम करने से रोका जाए। क्योंकि यह जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 164 व 151 ए के प्रावधानों के खिलाफ है और यह असंवैधानिक है।
नवलखा को मिली अंतरिम राहत को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार
बांबे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले व माओवादियों से कथित संबंधों के मामले में आरोपी समाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारपी से मिली राहत को 26 जून तक के लिए बढा दिया है। मंगलवार को न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ ने कहा कि हम 26 जून को इस मामले की अंतिम सुनवाई करेगे। इस दौरान अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि वे मामले में आरोपी नवलखा के खिलाफ मिले सबूतों के मुद्दे पर अगली सुनवाई के दौरान अपनी बात रखेगी। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 26 जून तक के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान मामले के जांच अधिकारी भी कोर्ट में उपस्थित थे। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि प्रथम दृष्टया हमे नवलखा के खिलाफ कुछ नजर नहीं आ रहा है। हाईकोर्ट में नवलखा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में नवलखा ने खुद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की है। पुणे पुलिस ने नवलखा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।
Created On :   18 Jun 2019 8:06 PM IST