लापता शिवसेना कार्यकर्ता गोवेकर मामले की फिर से होगी जांच, राणे के थे पीए

Missing Shiv Sena worker Govekar case will be re-examined
लापता शिवसेना कार्यकर्ता गोवेकर मामले की फिर से होगी जांच, राणे के थे पीए
लापता शिवसेना कार्यकर्ता गोवेकर मामले की फिर से होगी जांच, राणे के थे पीए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना कार्यकर्ता रमेश गोवेकर के लापता होने के मामले की फाइल दोबारा खोली जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच दोबारा शुरू करके आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार क सदन में इस मामले को लेकर शिवसेना के सदस्य अनिल परब अपनी ही पार्टी के गृह राज्य मंत्री केसरकर पर भड़क गए। परब के समर्थन में शिवसेना के मंत्री दिवाकर रावते और रामदास कदम भी नजर आए। सदन में केसरकर ने इस मामले के बारे में 16 दिसंबर 2013 को विधान परिषद के तत्कालीन सदस्य विजय सावंत द्वारा पूछे गए अनुपूरक सवाल के बारे में अधिक जानकारी सदन के पटल पर रखी। इस पर परब ने कहा कि छह साल बाद भी सरकार की तरफ से मामले के बारे में वही पुराना उत्तर दिया जा रहा है।

राणे को मुश्किल में डालने की कवायद

जवाब में कोई बदलाव नहीं आया। इसके जवाब में केसरकर ने कहा कि संबंधित मामले को सीबीआई के पास भेजा गया है। सीबीआई की तरफ से की गई कार्रवाई की जानकारी सदन को दी गई है। पर सदन की भावना को ध्यान में रखते हुए मामले की फाइल को फिर से खोला जा सकता है क्या, इस संभावना का पता लगाने की जिम्मेदारी गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को सौपी जाएगी। इससे असंतुष्ट परब ने कहा कि सरकार को किसी भी मामले में जांच की फाइल फिर से खोलने का अधिकार है। अधिकारी कौन होते हैं इस पर फैसला लेने वाले। इस पर केसरकर को तय करना है कि सरकार क्या करेगी। परब ने कहा कि साल 2013 में तत्कालीन गृह मंत्री आर आर पाटील ने आश्वासन दिया था कि अधिवेशन के सत्रावसान से पहले मामले की अधिक जानकारी सदन के पटल पर रखी जाएगी। लेकिन इतने सालों बाद भी मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।

पूर्व मुख्यमंत्री राणे के पीए थे रमेश गोवेकर

रमेश गोवेकर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के पीए थे। लेकिन राणे ने जब शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश किया तो गोवेकर ने उनके साथ शिवसेना छोड़ने से मना कर दिया। जिसके बाद साल 2004 के विधानसभा चुनाव के समय गोवेकर लापता हो गए। साल 2005 में कोंकण के मालवण में एक शव मिला था। गोवेकर के परिवार ने उसकी शिनाख्त गोवेकर के रुप में की, लेकिन अदालत में यह बात साबित नहीं हो पाई। गोवेकर के परिवार और शिवसेना का आरोप है कि गोवेकर की हत्या की गई थी। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य मंत्री केसकर ने गोवेकर के मामले की फिर से जांच का ऐलान किया है। इससे एक बार फिर से कोंकण में इसको लेकर राजनीति गर्म हो सकती है। साथ ही महाराष्ट्र स्वाभिमानी पक्ष के मुखिया राणे की भी मुश्किलें बढ़ने की संभावना है। 
 

Created On :   28 Feb 2019 12:58 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story