अंग्रेजी में लिखा कागज फाड़ भड़के विधायक ने अधिकारी पर फेंका, उद्धव ने कहा - स्कूलों में होगी मराठी को लेकर सख्ती

MLA furious after seeing paper written in the English
अंग्रेजी में लिखा कागज फाड़ भड़के विधायक ने अधिकारी पर फेंका, उद्धव ने कहा - स्कूलों में होगी मराठी को लेकर सख्ती
अंग्रेजी में लिखा कागज फाड़ भड़के विधायक ने अधिकारी पर फेंका, उद्धव ने कहा - स्कूलों में होगी मराठी को लेकर सख्ती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नगरसेवक से विधायक बने शिवसेना नेता दिलीप लांडे मनपा की बैठक में अंग्रेजी में लिखी सूची को देख कर आग बबूला हो गए। उन्होंने कागज के टुकटे-टुकडे कर अधिकारी के मुंह पर फेंक दिया। महानगर की चांदीवली विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए लांडे सोमवार को अंधेरी-कुर्ला मार्ग के चौहरीकरण को लेकर चेंबुर स्थित मनपा उपायुक्त कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।  बैठक शुरु होते ही मनपा के सहायक इंजिनिर अशोक तरडेकर ने उन्हें उन लोगों की सूची दी जो इस परियोजना से प्रभावित होंगे। परियोजनाओं प्रभावितों की यह सूची अंग्रेजी में थी। जिसे देख कर विधायक आग बबूला हो गए और सूची को फाड कर अधिकारी के ऊपर फेंक दिया। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मराठी को अभिजात्य भाषा का दर्जा देने की मांग की है और अधिकारी हैं कि मराठी भाषा का सम्मान ही नहीं कर रहे हैं। 

सरकारी फाईलों पर नहीं चलेगी अंग्रेजीः देसाई

कांग्रेस-राकांपा के साथ सरकार बना कर हिंदुत्व के मुद्दों से दूर हुई शिवसेना अब मराठी के मुद्दे पर जोर दे रही है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता व राज्य के उद्योग व मराठी भाषा मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि अधिकारियों से कहा जाएगा कि वे आगे से सरकारी फाईलों पर अंग्रेजी की बजाय मराठी में नोटिंग दें।
मंत्री देसाई ने सोमवार को कहा कि मराठी का अधिक से अधिक उपयोग बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास करेगी। कई महामंडलों का कामकाज अंग्रेजी में होता है, वहां मराठी भाषा का उपयोग होना चाहिए। देसाई यहां मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सोमवार से मराठी भाषा पखवाड़ा शुरु हुआ है। देसाई ने मराठी भाषा विभाग का कामकाज संभालने के बाद अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए जल्द ही दो अधिकारियों को नई दिल्ली भेजा जाएगा। देसाई ने कहा कि रंगभवन को मराठी भाषा भवन बनाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही ऐरोली में उपकेंद्र बनाने के लिए जगह मिल गई है। चूंकि रंगभवन हेरीटेज सूची में आता है, इसलिए कुछ समस्याएं आ रही है। उन्होंने कहा कि रंगभवन 60 से 70 साल पुराना है, यह हेरीटेज सूची में कैसे शामिल हो गया? इसकी जांच कराई जाएगी। रंगभवन पिछले 15 साल से बंद है।  

सीएम ने लिया है मिहान का जायजा

उद्योग मंत्री ने कहा कि नागपुर के मिहान की स्थिति का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग धंधा को बढ़ाने के लिए प्रयास करने पड़ते हैं। इसी के तहत इस साल नवंबर माह में मैग्नेटिक महाराष्ट्र परिषद का आयोजन किया जाएगा। यह परिषद दो साल में एक बार होती है। इसके पहले इसका आयोजन वर्ष 2018 में किया गया था। देसाई ने कहा कि अभी मेट्रो का काम ठेकेदार कर रहे हैं, लेकिन जब भी मेट्रो में भर्ती होगी, वह राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार होगी। इसमें स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

नहीं आ सकी फॉक्सकान  

फॉक्सकान के महाराष्ट्र में आने की काफी चर्चा थी, लेकिन यह कंपनी यहां नहीं आई। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर देसाई ने कहा कि फॉक्सकान यहां आने वाली थी, लेकिन नहीं आई। निजी कंपनी की तरफ से निवेश का निर्णय उनका स्वयं का होता है। फॉक्सकान अमेरिकी कंपनी एप्पल के लिए आईफोन और टैबलेट बनाती है।

मार्च के बाद स्कूलों में होगी मराठी को लेकर सख्तीः उद्धव

राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य बनाने से जुड़े कानून को मार्च में होने वाले बजट सत्र में मंजूरी दी जाएगी। साथ ही प्रशासन को इस पर तुरंत अमल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना विधायक नीलम गोर्हे को यह आश्वासन दिया।  बतौर विधान परिषद सदस्य नीलम गोर्हे ने राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाने से जुड़ा सवाल पूछा था जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इससे जुड़ा कानून बनाने का आश्वासन दिया था। महाराष्ट्र साहित्य परिषद ने पिछले साल अगस्त महीने में इसी तरह का कानून बनाने की मांग करते हुए विधि व न्याय विभाग को एक प्रारुप सौंपा था। लेकिन इसको अमली जामा नहीं पहनाया गया। इस मुद्दे पर गोर्हे ने सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और उनके सामने अपनी मांग से जुड़ा पत्र सौंपा। गोर्हे ने कहा कि कानूनी भाषा में भारी भरकम और कठिन शब्दों के इस्तेमाल के चलते परेशानी होती है इसलिए न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रिया में सरल मराठी का इस्तेमाल बढ़ाया जाना जरुरी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मेडिकल प्रोटोकाल शब्द का मराठी में कोई पर्याय नहीं है। इसी तरह विकास नियंत्रण नियम की जगह डीसी रूल्स शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। गोर्हे ने मुख्यमंत्री से मांग की कि मराठी भाषा का सारा साहित्य इंटरनेट पर उपलब्ध कराने, इंटरनेट पर मराठी के ज्यादा इस्तेमाल के लिए विशेष प्रयास किया जाना चाहिए।   
 

Created On :   6 Jan 2020 7:33 PM IST

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