- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- बालासाहेब स्मारक समिति की सिफारिश...
बालासाहेब स्मारक समिति की सिफारिश पर एमएमआरडीए ने नियुक्त किया आर्किटेक्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के स्मारक के लिए आर्किटेक्ट की नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं हुआ है। सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत एमएमआरडीए से मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए ने जो जानकारी मुहैया कराई है उसके मुताबिक मुंबई में महापौर के बंगले पर प्रस्तावित स्मारक को बनाने के टेंडर जारी कर दिया गया है साथ ही आर्किटेक्ट को भी नियुक्त कर दिया गया है। अब गलगली ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत करते हुए मामले की जांच और एमएमआरडीए के अधिकारियों की जिमेदारी तय कर कार्रवाई की मांग की हैं। गलगली ने एमएमआरडीए से बालासाहेब ठाकरे स्मारक से जुड़ी जानकारियां मांगी थी। गलगली के मुताबिक उन्हें 94 पेज के जो दस्तावेज सौपे गए हैं उससे खुलासा हुआ है कि स्मारक समिति ने एक टेंडर सूचना जारी की और एमएमआरडीए को एक विशिष्ट आर्किटेक्ट को नियुक्त करने का निर्देश दिया। जैसे ही पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को स्मारक समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया, उन्होंने 14 मई, 2020 को एक बैठक की। इस बैठक में आर्किटेक्ट और परियोजना सलाहकार का चयन किया गया। सदस्य सचिव सुभाष देसाई ने 8 जून, 2020 को मेट्रोपोलिटन कमिश्नर आरए राजीव को सूचित किया कि टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करने और विशेष विशेषज्ञ समिति के सामने एक प्रस्तुति देने के बाद, विशेषज्ञ समिति ने आर्किटेक्ट और प्रोजेक्ट कंसल्टेंट के पद के लिए आभा नारायण लांबा एसोसिएट की सिफारिश की है। देसाई ने आगे कहा कि आर्किटेक्ट और प्रोजेक्ट कंसल्टेंट के रूप में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए और उनका व्यावसायिक भुगतान एमएमआरडीए के प्रचलित नियमों और दरों के अनुसार किया जाना चाहिए।
दिशानिर्देश का हो पालन
राज्यपाल और मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अनिल गलगली ने कहा हैं कि एमएमआरडीए प्रशासन ने मौजूदा सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए जारी प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया है और ठाकरे स्मारक समिति के निर्देशों को प्राथमिकता दी है। आर्किटेक्ट की नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।गलगली के मुताबिक छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक हो या भारत रत्न डॉ बाबासाहेब अंबेडकर स्मारक, किसी भी स्मारक समिति ने परियोजना के लिए कोई टेंडर जारी नहीं किया जबकि ठाकरे स्मारक द्वारा एक नई और गलत नींव रखी जा रही है। गलगली ने कहा कि सीवीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार आर्किटेक्ट और सलाहकारों को प्रोजेक्ट बहाल करने के लिए वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
Created On :   17 Aug 2020 7:28 PM IST