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MMRDA ने तोड़ा आशियाना तो खुले में पढ़ने बैठ गए बच्चे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विकास की दौड़ ने छोटे बच्चों के शिक्षा का आधार छिन लिया। सांताक्रुज पूर्व स्थिति न्यू अग्रीपाडा में भारतीय संस्कार मंडल द्वारा छोटे बच्चों के लिए चलाए जा रहे बालवाड़ी को एमएमआरडीए ने बगैर किसी पूर्व सूचना के तोड़ दिया। इससे नाराज बच्चों ने खुले आसमान के नीचे पढ़ाई कर अपना विरोध जता रहे हैं।
संस्था के अध्यक्ष डॉ सत्येंद्र ने एमएमआरडीए की इस कार्रवाई को तानाशाही बताते हुए कहा कि मेट्रो रेल कॉरिडोर के निर्माण की वजह से बालवाडी को यहां से हटाया जाना था। हम भी इस शहर का विकास जाहते हैं। इस लिए बालवाडी हटाने को लेकर कोई विरोध नहीं था। इस संबंध में बीते 14 नवंबर 2017 को एमएमआरडीए अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस दौरान संस्था की तरफ से आग्रह किया गया था कि इस बालवाडी को दूसरी जगह शिफ्ट करने की व्यवस्था की जाए। इस पर एमएमआरसीएल प्रमुख अश्विनी भिडे ने आश्वासन दिया था कि तोड़क कार्रवाई से पहले बालवाडी के लिए व्यवस्था की जाएगी। पर एमएमआरडीए ने अचानक बालवाडी को तोड़ दिया।
सिंह ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हमें बालवाडी से सामान निकालने का भी समय नहीं दिया गया। सिंह ने बताया कि पास की बस्ती के बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। इस लिए यहां पर संस्था की तरफ से छोटे बच्चों को शिक्षा देने के लिए बालवाडी शुरु की गई थी। उन्होंने कहा कि एमएमआरडीए की तानाशाही के खिलाफ बच्चे और उनके अभिभावक अब सड़क पर उतर आए हैं। अब उसी स्थान पर खुले में बालवाडी चलाई जा रही है। जिससे एमएमआरडीए अधिकारियों को कुछ शर्म आए।
Created On :   12 Sept 2018 6:21 PM IST