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सूखा प्रभावित 15 जिलों में भरे जाएंगे एसटी के पद, केंद्र से मनरेगा मजदूरों को मिलेगी 150 दिनों की मजदूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सूखे की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को मनरेगा योजना के तहत 100 के बदले अब 150 दिनों की मजदूरी देने के लिए मंजूरी दी है। इसके बाद अब शेष 215 दिनों की मनरेगा के मजदूरों की मजदूरी राज्य सरकार की तरफ से दी जाएगी। प्रदेश के राजस्व तथा राहत व पुनर्वसन मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह जानकारी दी। शुक्रवार को मंत्रालय में सूखे को लेकर समीक्षा बैठक हुई। पाटील ने कहा कि सरकार की तरफ से घोषित तहसीलों और राजस्व मंडलों के अलावा 50 पैसे से कम आनेवारी और कम बारिश वाले राजस्व मंडलों में सूखा घोषित करने का निर्णय जल्द होगा। पाटील ने कहा कि राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों के जिन विद्यार्थियों ने परीक्षा फीस भर दिया है उसको वापस करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं। पाटील ने कहा कि बिजली बिल न भरने के कारण बंद पड़ी जलापूर्ति योजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा। इसके लिए सरकार की तरफ से बंद जलापूर्ति योजनाओं की बकाया बिजली बिल की 5 प्रतिशत राशि भरी जाएगी। पाटील ने कहा कि जिन गांवों में टैंकर का विकल्प नहीं है ऐसे जगहों पर टैंकरों के माध्यम से पीने का पानी पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही पानी के नए स्त्रोत को खोजकर पाइप के जरिए ही जलापूर्ति पर जोर देने का फैसला किया गया है। पाटील ने कहा कि राज्य में चारा उत्पादन के लिए 28 हजार 410 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। इस जमीन पर चारे के उत्पादन के लिए लगभग 1180 क्विंटल बिज वितरित किए गए हैं। पाटील ने कहा कि मनरेगा के तहत खेतों के लिए रास्ते और स्कूलों की दीवार बनाने का काम बड़े पैमाने किया जाएगा।

सूखा प्रभावित घोषित किए गए 15 जिलों में राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) के माध्यम से बस ड्राइवर और कंडक्टर के 4 हजार 242 पदों की भर्ती की जाएगी। वहीं औरंगाबाद स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए 560 पद एसटी महामंडल के माध्यम से ठेके पद्धति से भरे जाएंगे। शुक्रवार को प्रदेश के परिवहन मंत्री तथा एसटी महामंडल के अध्यक्ष दिवाकर रावते ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसटी महामंडल की मेगाभर्ती के जरिए सूखा प्रभावित 15 जिलों के युवक और युवतियों को रोजगार मिल सकेगा। एसटी की भर्ती में अन्य आरक्षण के साथ मराठा आरक्षण को भी लागू किया जाएगा। रावते ने कहा कि एसटी की पद भर्ती औरंगाबाद, बीड़, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद, परभणी, अमरावती, अकोला, बुलढाणा, यवतमाल, धुलिया, जलगांव, नाशिक और पुणे जिले में की जाएगी। रावते ने बताया कि एसटी की पदभर्ती में परीक्षा देने वाले पिछड़े वर्ग और सूखा प्रभावित उम्मीदवारों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत माफी दी जाएगी। रावते ने कहा कि एसटी की परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को औरंगाबाद स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से लागू की जाने वाली शहर परिवहन योजना के लिए काम करने का विकल्प होगा। उम्मीदवार औरंगाबाद शहर परिवहन योजना की बस सेवा के लिए प्रति महीने 15 हजार रुपए के वेतन पर ठेके पद्धति से काम कर सकेंगे।

प्रदेश सरकार ने भाऊसाहब फुंडकर फलबाग योजना के तहत फलबाग लगाने की अवधि 31 मार्च 2019 तक बढ़ाने के लिए मंजूरी प्रदान की है। शुक्रवार को राज्य सरकार के कृषि विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके अनुसार राज्य में मनरेगा योजना के तहत जो किसान फलबाग लगाने के लिए पात्र नहीं होते, उन्हें भाऊसाहब फुंडकर फलबाग योजना का लाभ दिया जाता है। इस योजना में कोंकण संभाग के किसानों को 8 हेक्टेयर और शेष महाराष्ट्र में किसानों को 4 हेक्टेयर क्षेत्र पर फलबाग लगाने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाता है। अनुदान की राशि तीन सालों में चरणबद्ध तरीके से किसानों को दी जाती है। भाऊसाहब फुंडकर फलबाग योजना की अवधि हर साल मई से नवंबर महीने के बीच निश्चित की गई है। लेकिन राज्य में सूखे की स्थिति के कारण इस साल यह योजना लागू नहीं हो पाई। इसके मद्देनजर कृषि आयुक्तालय ने सरकार के पास योजना की अवधि बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा था।
Created On :   28 Dec 2018 8:45 PM IST