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ED के नोटिस पर मनसे की धमकी : 22 अगस्त को कुछ भी हो सकता है, एनसीपी ने कहा - विपक्ष की आवाज दबा रही सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को कोहीनूर मिल जमीन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नोटिस भेजे जाने पर उनकी पार्टी के नेता भड़क गए हैं। नोटिस भेजे जाने के बाद मनसे आक्रामक हो गई है। सोमवार को मनसे नेताओं ने राज के आवास पर बैठक की। इसके बाद पार्टी के नेता अभिजीत पानसे ने कहा कि राज के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। हमारी लोगों से अपील है कि 22 अगस्त को अति महत्वपूर्ण काम होने पर ही घर से बाहर निकलें। उस दिन राज पर प्रेम करने वाले लोगों के हाथों कुछ भी हो सकता है। पानसे ने कहा कि महाराष्ट्र का गुजरात होने में देरी नहीं लगेगी। दूसरी ओर मनसे की ओर से ठाणे बंद की चेतावनी दी गई है। दूसरी ओर राज की पत्नी शर्मिला ठाकरे ने कहा कि हम पर सरकार का विशेष प्रेम है। हमें ऐसे ‘प्रेम पत्रों’ की आदत है।
राज ठाकरे को नोटिस से हमारा कोई संबंध नहीः फडणवीस
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से कोहिनूर इमारत निर्माण के मामले में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को भेजे गए नोटिस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे मीडिया के जरिए इसकी जानकारी मिली है। इसका हमसे या फिर भाजपा से कोई संबंध नहीं है। ईडी स्वतंत्र एजेंसी है। यदि राज को ईडी ने नोटिस भेजा होगा तो उनको जवाब देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज ने यदि कोई गलती नहीं की होगी तो उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। यदि कुछ गलत किया होगा तो उनको भोगना पड़ेगा। मनसे की ओर से सड़कों पर उतरने की धमकी देने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज यदि सच्चे हैं तो उन्हें लोगों को परेशान करने की जरूरत नहीं है।
राज को नोटिस पर आश्चर्य नहीः राऊत
दूसरी ओर शिवसेना के नेता संजय राऊत ने कहा कि राज को नोटिस भेजा जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। जांच एजेंसी को निष्पक्ष रूप से काम करने देना चाहिए। इस देश में कई दूसरे मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी जैसे नेताओं की जांच हुई है। इसलिए राज को नोटिस भेजा जाना कोई विशेष बात नहीं है।
मोदी-शाह के खिलाफ बोलने पर राज ठाकरे को ईडी की नोटिसःथोरात
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को नोटिस दिए जाने पर कांग्रेस-राकांपा उनके समर्थन में उतर आये हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने इसे सरकार की तानाशाही बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विरोध करने के चलते राज को निशाना बनाया जा रहा है। सोमवार को थोरात ने कहा कि राज ठाकरे लगातार सरकार की गलतियों पर आवाज बुलंद कर रहे हैं लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मोदी सरकार के कामकाज का पर्दाफाश किया। उन्होंने विपक्षी दलो को एकजुट कर ईवीएम के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी शाह के खिलाफ आवाज उठाने पर राज ठाकरे को ईडी की नोटिस मिली है। थोरात ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार की इस तानाशाही की कड़ी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। सरकार के खिलाफ बोलने वालों को ईडी की नोटिस भेज दी जाती है या फिर उसे देशद्रोही ठहरा दिया जाता है।
विपक्ष की आवाज दबा रही सरकारः राकांपा
राज ठाकरे को ईडी की नोटिस पर राकांपा प्रवक्ता नवाब मालिक ने कहा कि सत्ता पक्ष विपक्ष की आवाज दबाने की कर रहा है लेकिन विपक्ष एकजुट होकर इसका मुकाबला करेगा। उन्होंने कहा कि देशभर में इसी तरह सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए किया जा रहा है। ईडी के साथ-साथ सीबीआई का भी दुरुपयोग किया जा रहा है।
राज ठाकरे-उन्मेंश जोशी को ईडी की नोटिस
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘आईएल एंड एफएस’ से जुड़े कथित भुगतान कोताही प्रकरण संबंधी धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को तलब किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। ईडी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी को भी इस मामले में तलब किया, जिसके बाद उन्होंने सोमवार को मुंबई में ईडी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। उन्मेश जोशी का बयान मनी लांड्रींग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख से मुंबई स्थित एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में 22 अगस्त को मामले के जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष पेश होने को कहा गया है। मनसे ने इस मामले में अपने अध्यक्ष को को नोटिस जारी किये जाने को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ बताया है। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने ठाकरे से 22 अगस्त को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा है। मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि इस साल के शुरू में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज ठाकरे ने सनसनी फैला दी थी। इसका लोगों पर काफी असर पड़ा था और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की चुनौती से बचने के लिए ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया है। आईएल एंड एफएस समूह के कर्ज से उन्मेश जोशी प्रवर्तित कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के शेयरों में निवेश के मामले में ईडी ठाकरे की संलिप्तता की जांच कर रहा है। देशपांडे ने कहा कि कोहिनूर सौदा बहुत पुराना है और ठाकरे काफी समय पहले इससे अलग हो गए थे। मुझे आश्चर्य है कि केंद्र ने इतने समय बाद जांच नोटिस क्यों भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी हमारी आवाज दबाने का औजार बन गया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार राज ठाकरे के खिलाफ पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर कोई कार्रवाई करती है तो हम सड़क पर उतरेंगे। गौरतलब है कि आईएल एंड एफएस ने कोहिनूर सीटीएनएल में 200 करोड़ रुपये अधिक निवेश किया था और समझा जाता है कि इस सौदे में उसे नुकसान हुआ। ऐसा माना जा रहा है कि ईडी समूचे लेन-देन की जांच करना चाहता और इसलिए दोनों लोगों को तलब किया गया। ईडी ने पिछले हफ्ते एक विशेष अदालत में मामले में पहला आरोपपत्र भी दाखिल किया था। साथ ही, 570 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। जांच एजेंसी ने इस साल फरवरी में धन शोधन (मनी लांड्रींग) का एक मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यह कदम उठाया गया था।
Created On :   19 Aug 2019 2:36 PM GMT