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मुंबई कांग्रेस कार्यालय में MNS कार्यकर्ताओं ने की तोड़फोड़, नेता गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई/पुणे। अपने खिसकते वजूद को बचाने के लिए MNS ने एक बार फिर तोड़फोड़ का सहारा लिया। इस बार मनसे कार्यकर्ताओं ने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन से महज 25 मीटर की दूरी पर मुंबई कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की। हमले के बाद आरोपी फरार हो गए। लेकिन बाद में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। जबकि ट्वीट कर हमले की जिम्मेदारी लेने वाले मनसे नेता संदीप देशपांडे को गिरफ्तार कर लिया गया है। नाराज कांग्रेस नेताओं ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई है। शुक्रवार को ईद के चलते कांग्रेस दफ्तर में सन्नाटा था। इसी दौरान तीन लोग वहां पहुंचे और लोहे के रॉड से कांच तोड़ने के बाद भाग निकले।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनेचा भैय्या संजय निरुपमच्या कार्यालयावर सर्जिकल स्ट्राईक..
— Sandeep Deshpande (@SandeepDadarMNS) December 1, 2017
इट का जवाब पथ्थर से मिलेगा..
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनसे का झंडा जलाया
मनसे नेता देशपांडे ने ट्वीट किया कि ‘संजय निरुपम के कार्यालय पर सर्जिकल स्ट्राइक, ईट का जवाब पत्थर से मिलेगा।’ दरअसल कुछ दिनों पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मराठी बोर्ड लगाने के मुद्दे पर बहस के बाद विक्रोली इलाके में मनसे विभाग प्रमुख विश्वजीत ढोलम समेत पांच कार्यकर्ताओं की बुरी तरह पिटाई कर दी थी। इसपर संजय निरुपम ने ट्वीट किया था कि मनसे के गुंडों ने फिर मार खाई। माना जा रहा है कि हमला इसके बदले में किया गया। घटना के बाद कार्यालय पर जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनसे के खिलाफ नारेबाजी की और मनसे का झंडा जलाया।
हमले के बाद निरुपम का ट्वीट
हमले के बाद निरुपम ने ट्वीट किया कि ‘मनसे के कायर, नपुंसक और लुख्खे कार्यकर्ताओं ने उस वक्त हमला किया जब पार्टी कार्यालय में कोई नहीं था। अगर मुख्यमंत्री कार्रवाई नहीं करते तो करारा जवाब दिया जाएगा।’ निरुपम के मुताबिक फेरीवालों से बार-बार मार खाने के चलते मनसे कार्यकर्ता निराश हो गए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद अशोक चव्हाण ने हमले की निंदा करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि मनसे की गुंडागर्दी उनकी संस्कृति है। लोकतंत्र में नियम कानून का पालन करते हुए परस्पर विरोधी मतों का आदर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर नुकसान भरपाई भी कराई जाए। पूर्व केंद्रीय गुरूदास कामत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सुनिश्चित करना चाहिए कि 132 साल पुरानी पार्टी को कोई धमका नहीं सके।
पुणे के औद्गयोगिक क्षेत्र में भी मनसे करेगी आंदोलन
उधर पुणे और पिंपरी चिंचवड़ स्थित औद्योगिक कंपनियों में मराठी व्यक्तियों को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने अपनी स्टाईल से आंदोलन की चेतावनी दी है। मनसे के शहराध्यक्ष अजय शिंदे ने शुक्रवार को बताया कि औद्योगिक कंपनियों में स्थानिय कामगार और परप्रांतीय कामगारों में भेदभाव किया जा रहा है। दोनों की तनख्वाह में भी अंतर है। इसके अलावा परप्रांतीय कामगारों को मिल रही सुविधाओं से मराठी कामगारों को वंचित रखा जा रहा है। मनसे ने उन कंपनियों को मांगों का ज्ञापन भी भेजा है।
Created On :   1 Dec 2017 6:18 PM IST