गरीबों की भूख मिटाएगा चलता-फिरता 'रोटी बैंक'

Mobile Roti bank will be starting in mumbai for hungry people
गरीबों की भूख मिटाएगा चलता-फिरता 'रोटी बैंक'
गरीबों की भूख मिटाएगा चलता-फिरता 'रोटी बैंक'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में गरीबों और जरूरमंदों की भूख अब चलता-फिरता रोटी बैंक मिटाएगा। प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी. शिवानंदन ने मुंबई के डिब्बे वालों को पांच सितारा होटल, शादी और घरेलू कार्यक्रमों में बचे हुए खानों को इकट्ठा करने के लिए एक गाड़ी दान की है। इससे अब साइकिल से बचा हुआ खाना इकट्टा करने के लिए डिब्बे गाड़ी से भोजन लेने के लिए आपके द्वार पर आएंगे। यदि आपके घर में खाना बचा हुआ होगा, तो आप डिब्बे वालों के कॉल सेंटर नंबर पर फोन करके उन्हें खाना ले जाने के लिए कह सकते हैं।

 

                 डिब्बे वाला के लिए इमेज परिणाम

होटल, शादी और घरेलू कार्यक्रमों में बचे हुए खानों को किया जाएगा इकट्ठा

यह खाना मुंबई में रात को भूखे सोने वाले लोगों के काम आ सकेगा। डिब्बे वालों की तरफ से दो साल पहले शुरू किया गया बचा हुआ खाना जुटाने का काम अब बड़े पैमाने पर होगा। रविवार को लोअर परेल स्टेशन के पास डिब्बे वालों और कॉल सेंटर के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूर्व पुलिस अधिकारी शिवानंदन ने गाड़ी के माध्यम से खाना इकट्टा करने वाली मुंबई रोटी बैंक का लोकार्पण किया। शिवानंदन के मुताबिक महानगर में हजारों लोग भूखे सोते हैं। डिब्बे वाले साइकिल पर खाना इकट्ठा कर रहे थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद उनकी मदद करने का फैसला किया। डिब्बे वालों की सहयोग से रोटी बैंक के लिए एनजीओ बनाया गया है। कॉल सेंटर नंबर भी शुरू किया गया है। इसके साथ ही रोटी बैंक इंडिया नाम से वबेसाइट बनाई गई है। मोबाइल एप शुरू किया गया है। डिब्बे वालों को मैंने एक चार पहिया गाड़ी दान की है। इस गाड़ी से डिब्बे वाले खाना इकट्टा करके गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त में बांट देंगे। हमने शहर में जिन जगहों पर भूखे लोग रहते हैं उसकी पहचान कर ली है।

                      लोअर परेल स्टेशन के लिए इमेज परिणाम

राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक की गाड़ी दान

शिवानंदन ने कहा कि जैसे ही लोगों को पता चला कि मैंने एक गाड़ी दान की है। मुझसे कई लोगों ने गाड़ी देने की तैयारी दिखाई है। शिवानंदन ने कहा रोटी बैंक को विस्तार हम राज्य भर में करेंगे। इसके बाद देश भर में इसको शुरू करेंगे। एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने वाली इमरजेंसी संस्था के प्रतिनिधि ने कहा कि मरीजों के लिए हमने एक कॉल सेंटर शुरू किया है। उसी कॉल सेंटर की एक टीम अब डिब्बे वालों के लिए काम करेगी। कॉल सेंटर पर फोन आने के बाद हम डिब्बे वालों से संपर्क करके उन्हें बचे हुए खाने को इकट्ठा करने के भेजेंगे। डिब्बे वाले असोसिएशन के प्रवक्त्ता सुभाष तलेकर ने कहा महानगर के होटलों और बड़े आयोजनों में बड़े पैमाने पर खाना बचता है। इसके मद्देनजर हमने मुंबई में 29 दिसंबर 2015 को बचा हुआ खाना जुटाना शुरू किया था।

खाना इकट्ठा कर जरूरमंदों में बांटते

सुभाष तलेकर ने बताया कि वे लोग पिछले दो सालों से अपना काम खत्म करने के बाद शाम छह से आठ बजे तक खाना इकट्ठा करके जरूरमंदों में बांटते थे। लेकिन अब इस कामों को हम लोग बड़े पैमाने पर कर सकेंगे। क्योंकि हमको गाड़ी मिल गई है। फिलहाल इस गाड़ी का इस्तेमाल मुंबई शहर के लिए किया जाएगा। इस गाड़ी में डिब्बे वाले शाम 4 से 12 बजे तक खाना इकट्ठा करके उसको जरूरमंदों में बांट देंगे। तलेकर ने बताया कि आगामी समय में हम लोग दो और गाड़ी शुरू करेंगे। जिसमें से एक गाड़ी मुंबई के पश्चिम और दूसरी पूर्वी उपनगर के लिए होगी। इसके माध्यम से हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों का खाना जुटाया जा सकेगा। मुंबई में लगभग 5 हजार डिब्बे वाले हैं। 

Created On :   24 Dec 2017 9:23 AM GMT

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