मोबाइल यूनिट कर रही स्पॉट चेकिंग, खाद्य पदार्थों के 14 सेंपल फेल, 4 लाख का वसूला जुर्माना

Mobile unit doing spot checking, 14 samples of food items failed, fine of Rs 4 lakh
मोबाइल यूनिट कर रही स्पॉट चेकिंग, खाद्य पदार्थों के 14 सेंपल फेल, 4 लाख का वसूला जुर्माना
मोबाइल यूनिट कर रही स्पॉट चेकिंग, खाद्य पदार्थों के 14 सेंपल फेल, 4 लाख का वसूला जुर्माना


डिजिटल डेस्क शहडोल। मिलावटखोरी रोकने के लिए चलित खाद्य प्रयोगशाला के सक्रिय होने के बाद जिले में सेंपल जुटाने की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन एफआईआर नहीं हुई है। जुर्माने की कार्रवाई अवश्य हुई है। मिलावट पाए जाने, मिस ब्रांडेड सामग्री की विक्रय करने आदि के तीन मामलों में पिछले महीने कोर्ट द्वारा चार दुकानदारों पर चार लाख का जुर्माना लगाया गया। वहीं इसी प्रकार के 15 और मामले कोर्ट में चल रहे हैं। संबंधित प्रकरणों में एफआईआर नहीं होने के पीछे विभाग का तर्क है कि चूंकि प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों की बिक्री और मिलावट के मामले सामने नहीं आए हैं, इसलिए अपराधिक प्रकरण नहीं बने हैं।
शासन के निर्देश के बाद मिलावटखोरी रोकने के लिए चलित खाद्य प्रयोगशाला शुरु की गई है। जिले में नवंबर माह से मोबाइल लेबोरेटरी यूनिट (चलित प्रयोगशाला) का संचालन शुरु हुआ। तब से लेकर आज तक 548 खाद्य पदार्थों के सेंपल लिए गए, जिनमें मौके पर ही 14 नमूनों को जांच के बाद अमान्य पाया गया। जिनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। वहीं 78 सेंपल जांच के लिए भोपाल लैब भेजी गई है।
संभाग में एक वाहन-
गौरतलब है कि जांच के लिए भोपाल भेजे जाने वाले सैम्पल की रिपोर्ट आने में विलम्ब होता था। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने मोबाइल लेबोरेटरी यूनिट (चलित प्रयोगशाला) की व्यवस्था की है। ताकि मौके पर ही सैंपलों की जांच करके निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। प्रत्येक संभागीय मुख्यालय के लिए एक-एक चलित खाद्य प्रयोगशाला वाहन मुहैया कराया गया है। लोगों की मौजूदगी में परीक्षण किया जाता है, ताकि अधिक से अधिक लोग सेंपल की जांच करा सकें।
विके्रताओं को जारी नोटिस-
चलित खाद्य प्रयोगशाला के नवंबर माह से संचालित होने के बाद खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर मौके पर ही वाहन में मौजूद टूल्स के माध्यम से परीक्षण किया जाता है। दो महीने के भीतर संभाग में 1795 नमूने लेकर जांच किए गए। इसमें शहडोल जिले में जांचे गए 548 नमूनों में 14 को अमानक पाया गया। अमानक पाए गए सामग्रियों के विके्रताओं को विभाग द्वारा सुधार सूचना पत्र जारी करते हुए सामग्रियों को नष्ट कराने की कार्रवाई की गई। यह हिदायत दी गई कि भविष्य में ऐसी स्थिति मिली तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
जांच के दौरान खाद्य पदार्थों में इस तरह की मिलावट पाई गई-
खाने-पीने की चीजों में पहले भी मिलावट होती रही है, लेकिन मोबाइल यूनिट आने के बाद मिलावट के मामले तेजी से सामने आने लगे हैं। दो महीनों में यूनिट के माध्यम से हुई जांच के बाद रसगुल्ला, खोवा से बनी मिठाईयों व लड्डू आदि में मिलावट पाई गई। मसालों में मिर्च पाउडर व तेलों में कलर बनाने के लिए मिलावट मिली। दूध में फैट की मात्रा भी कम पाई गई। मोबाइल यूनिट से इतर लिए गए 78 सेंपलों की भोपाल से आई जाचं रिपोर्ट में दो के सेंपल अमानक पाए गए। तेल भी मिस ब्रांडेड का मिला।
10 रुपए में हो जाती है जांच-
चलित खाद्य प्रयोगशाला से कोई भी सामग्रियों की जांच करा सकता है। इसके लिए 10 रुपये प्रति सेंपल का शुल्क रखा गया है। दुकानदार हो चाहे आम उपभोक्ता शंका होने पर यूनिट में निर्धारित शुल्क जमा कर किसी भी पदार्थ की जांच करा सकता है। स्पॉट पर ही दूध व इससे बने सभी प्रोडक्ट व अन्य प्रकार की सामग्रियों, नमक में आयोडीन की माता आदि का परीक्षण करा सकता है।
इनका कहना है
चलित खाद्य प्रयोगशाला आने के बाद सेंपलों की संख्या बढ़ाई गई है। स्पॉट पर परीक्षण से नतीजे सामने आ जाते हैं। जुर्माने की कार्रवाई हुई है।
बृजेश विश्वकर्मा
निरीक्षक खाद्य एवं औषधि

Created On :   3 Jan 2021 6:21 PM IST

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