नागपुर-नागभीड़ लाइन वर्क के उद्घाटन के लिए आ सकते हैं पीएम मोदी, इसी माह हो सकता है प्रोग्राम

Modi can come for the inauguration of Nagpur - nagbhid line work
नागपुर-नागभीड़ लाइन वर्क के उद्घाटन के लिए आ सकते हैं पीएम मोदी, इसी माह हो सकता है प्रोग्राम
नागपुर-नागभीड़ लाइन वर्क के उद्घाटन के लिए आ सकते हैं पीएम मोदी, इसी माह हो सकता है प्रोग्राम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस बार बजट में नागपुर-नागभीड़ लाइन की झोली में केवल 10 हजार रुपए आए हैं, इससे यात्रियों में निराशा हुई, लेकिन उनके लिए यह खुशखबर है। आने वाले महीनों में इस लाइन का निर्माण राज्य सरकार व रेलवे मिलकर करने वाली है। फरवरी के आखिर में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी इसके वर्क को हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन कर सकते हैं, ऐसी जानकारी रेलवे के अधिकृत सूत्रों ने दी है। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी 20 माह में लाइन का काम पूरा करते हुए वर्ष 2021 में इसे शुरू भी किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो शहर के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट माझी मेट्रो के उद्घाटन के साथ नागपुर-नागभीड़ लाइन के वर्क का उद्घाटन भी उनकी ओर से हो सकता है। 

बड़ी संख्या है यहां से आवागमन करने वाले यात्रियों की
वर्तमान में इस लाइन का गेज कनवर्शन होना जरूरी है। नागपुर-नागभीड़ मार्ग पर इतवारी, भांडेवाड़ी, उमरेड, भिवापुर, कांपाटेंपा, बामणी जैसे 15 बड़े स्टेशन हैं। छोटे-बड़े गांवों की बात करें तो इस लाइन पर 50 देहातों का समावेश है। इनमें कांपाटेंमा, नागभीड़ व मोहाडी पूर्णत: चावल पट्टा हैं। भिवापुर में मिर्ची, गेहूं, सोयाबीन की फसल बड़ी मात्रा में होती है। वहीं, उमरेड में कोलमाइन्स होने के साथ गेहूं, कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इन फसलों की बिक्री के लिए व अन्य कार्य के लिए आए दिन यात्रियों को उपराजधानी आना पड़ता है। यहां तक आने के लिए उनके पास केवल एसटी या छोटी लाइन की गाड़ियां ही साधन है। एसटी बसों का किराया ज्यादा रहने से यात्रियों को रेलवे ही मुनासिब लगता है। ऐसे में गाड़ी में भारी  भीड़ रहती है। यात्रियों को अपनी जान जोखिम में डालते हुए दरवाजों पर लटक कर आना पड़ता है। 

106 किमी का सफर... विथ इलेक्ट्रीफिकेशन 14 करोड़ का प्रोजेक्ट है यह
नागपुर-नागभीड़ 106 किमी का सफर वर्तमान में छोटी लाइन पर निर्भर है। वर्ष 2012 में इसे बड़ी लाइन में तब्दील करने की घोषणा की गई थी। उस वक्त इस लाइन को साकार करने के लिए 350 करोड़ की दरकार थी। इसमें राज्य सराकर की ओर से भी 188 करोड़ की मदद मिलनी थी। पहले चरण में 50 लाख इसके निर्माणकार्य के लिए मिले थे। बाद में वर्ष 2015 में रेलवे बोर्ड ने इस लाइन को विथ इलेक्ट्रीफिकेशन का लेखा-जोखा निकाल भेजने के निर्देश दिये थे। हाल ही में इसकी विथ इलेक्ट्रीफिकेशन कॉस्ट तैयार हुई है, जो 14 सौ करोड़ पर पहुंच गई है। 

ऐसे होगा काम 
राज्य सरकार व रेलवे ने मिलकर एक कंपनी का निर्माण किया है। इसका नाम महाराष्ट्र रेल इन्फ्रोक्चर डेवलमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड है। इस कंपनी के पास प्राथमिक तौर पर 100 करोड़ की राशि जमा कराई है। देश के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट के निर्माण की जिम्मेदारी इस कंपनी पर है। नागपुर-नागभीड़ लाइन विथ इलेक्ट्रीफिकेशन का निर्माण भी इनके जिम्मे दिया गया है। कुल 14 सौ करोड़ के इस प्रोजेक्ट में राज्य सरकार व रेलवे 20-20 प्रतिशत राशि देगी। बाकी का 60 प्रतिशत पीपीपी व फंड के माध्यम से जुगाड़ किया जाएगा।  

Created On :   5 Feb 2019 5:29 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story