राज्य मानवाधिकार आयोग के आधे से ज्यादा पद रिक्त, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी 

More than half the posts of State Human Rights Commission are vacant, High Court expressed displeasure
राज्य मानवाधिकार आयोग के आधे से ज्यादा पद रिक्त, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी 
राज्य मानवाधिकार आयोग के आधे से ज्यादा पद रिक्त, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य मानवाधिकार आयोग में आधे से अधिक पद रिक्त होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने राज्यसरकार से पूछा है कि आखिर यह पद क्यों नहीं भरे गए हैं? इस दौरान कोर्ट ने आयोग का चेयरमैन पद भी कई सालों से रिक्त होने की बात को जानने के बाद अप्रसन्नता व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांद्राजोग ने आयोग के चेयरमैन के पद के लिए काफी पहले तीन नामों की सिफारिश भेजी थी। फिर क्यों आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति नहीं की गई है। इस विषय पर पेशे से वकील वैष्णवी घोलवे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। 

याचिका में दावा किया गया है कि आयोग के चेयरमैन का पद तीन सालों से रिक्त है। आयोग के लिए 51 पद मंजूर किए गए है। इसमें अब तक सिर्फ 26 पद भरे गए हैं। इसके आलावा आयोग में पांच महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं। जिसमें आयोग के चेयरमैन, न्यायिक सदस्य, विशेषज्ञ सदस्य व पुलिस महानिरीक्षक का पद रिक्त है। याचिका में दावा किया गया है कि मानवाधिकार के उल्लंघन से जुड़े मामलों को सुनने के लिए आयोग एकमात्र मंच है। इसलिए आयोग में ऑनलाइन सुनवाई की भी सुविधा भी प्रदान करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में आयोग को जरुरी सुविधाएं व ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश देने का निवेदन किया गया है। 

याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि आयोग में आधे से अधिक पद रिक्त हैं। आयोग के चेयरमैन का पद काफी समयसे खाली है। इस पर खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर यह पद क्यों नहीं भरे गए हैं? इस सवाल का जवाब देने के लिए सहायक सरकारी वकील निशा मेहरा ने समय की मांग की। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 12 जुलाई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।
 

Created On :   9 July 2021 1:59 PM GMT

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