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सांसद धैर्यशील माने को बेलगाम में प्रवेश पर रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सीमा विवाद को लेकर गरमाई राजनीति के बीच कर्नाटक के बेलगाम जिला प्रशासन ने शिंदे गुट के सांसद धैर्यशील माने के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दिया है। माने को कर्नाटक की महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने बेलगाम में सोमवार को आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए बुलाया था। वे राज्य सरकार की महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष भी हैं। लेकिन बेलगाम में कर्नाटक के विधानमंडल का शीत सत्र सोमवार को शुरू होने वाला है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने उनके दौरे से तनाव पैदा होने की संभावना का कारण बताकर प्रवेश पर रोक लगा दिया है। वहीं कोल्हापुर में माने ने कहा कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से हर साल बेलगाम के विधानमंडल के अधिवेशन के समय सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। जिसके लिए कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले मराठी भाषिकों की समस्याओं को राज्य सरकार तक पहुंचाया जाता है। मैंने महाराष्ट्र एकीकरण समिति के सम्मेलन में शामिल होने के बारे में कर्नाटक सरकार को अवगत कराया है। लेकिन कर्नाटक सरकार ने अभी तक दौरे की अनुमति को लेकर मुझे कोई जवाब नहीं दिया है। कर्नाटक सरकार को यह समझना चाहिए कि मैं वहां पर कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए नहीं आ रहा है।
शिवाजी महाराज को लेकर कोई समझौता नहीं- संभाजी राजे
राज्यसभा के पूर्व सांसद छत्रपति संभाजी राजे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता है। रविवार को कर्नाटक के बेलगाम के होणगा में संभाजी राजे ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्धाटन किया। उन्होंने कहा कि हम बाकी सबके लिए समझौता कर सकते हैं मगर शिवाजी महाराज को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। क्योंकि वे हमारे देवता हैं। संभाजी राजे ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों राज्यों के नागरिकों को भाईचारे के साथ रहना चाहिए। दोनों प्रदेश के लोग भारत के ही नागरिक हैं। कर्नाटक में रहने वाले शिवाजी महाराज के भक्तों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी यहां की बोम्मई सरकार की है।
Created On :   18 Dec 2022 10:01 PM IST