Mumbai Fake Vaccination : बीएमसी ने तैयार कर लिया है मसौदा, एक अस्पताल हुआ सील- लाईसेंस भी रद्द 

Mumbai: BMC has prepared a draft to prevent fake vaccination
Mumbai Fake Vaccination : बीएमसी ने तैयार कर लिया है मसौदा, एक अस्पताल हुआ सील- लाईसेंस भी रद्द 
Mumbai Fake Vaccination : बीएमसी ने तैयार कर लिया है मसौदा, एक अस्पताल हुआ सील- लाईसेंस भी रद्द 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि हाउसिंग सोसायटी, निजी कार्यालय व शैक्षणिक संस्थान में कोरोना के फर्जी टीकाकरण शिविर को रोकने के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार कर लिया गया है। मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णा की खंडपीठ के सामने कहा कि मनपा ने कोरोनारोधी टीके के लिए आयोजित किए जानेवाले शिविर पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। नोडल अधिकारी पर इस तरह के शिविर के आयोजन को लेकर पूरी जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि यदि शिविर के आयोजन में कोई गड़बड़ी पायी जाती है तो नोडल अधिकारी इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को देगा। साखरे ने कहा कि दिशा-निर्देशों के मुताबिक यदि कोई टीकाकरण शिविर के आयोजन के लिए आवेदन करेगा तो पहले सारी चीजों का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद टीकाकरण को मंजूरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हाउसिंग सोसायटी के रजिस्ट्रार व शिक्षा विभाग को शैक्षणिक संस्थानों को टीकाकरण शिविर के आयोजन से जुड़े स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुंबई मनपा आयुक्त टीकाकरण शिविर के आयोजन से संबंधित एसओपी को अंतिम रुप देंगे। खंडपीठ के सामने मुंबई निवासी सिध्दार्थ चंद्रशेखर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में टीके के लिए पंजीयन में आ रही दिक्कतों के मुद्दे को उठाया गया है। याचिका पर सुनवाई के दौरान महानगर में फर्जी टीकाकरण शिविर का भी जिक्र किया गया था। इसके बाद खंडपीठ ने मनपा को ऐसे टीकाकरण को रोकने के लिए एसओपी बनाने का निर्देश दिया था और फर्जी टीकाकरण का शिकार हुए हजारों लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाने को कहा था। 

फर्जी टीकाकरण शिविर मामले में अस्पताल सील

मामले में शामिल होने के सबूत मिलने के बाद कांदिवली स्थित शिवम अस्पताल शुक्रवार को सील कर दिया गया। मुंबई पुलिस की मांग पर महानगर पालिका से अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर दंपति शिवराज और नीता पटारिया को पुलिस मामले में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है साथ ही राहुल दुबे नाम के अस्पताल के एक कर्मचारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुंबई महानगर पालिका ने अस्पताल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है साथ ही यहां चल रहे सभी तरह के कामकाज और इलाज पर रोक लगा दी गई है। शुक्रवार को महानगर पालिका के कर्मचारी अस्पताल में पहुंचे और इसे पूरी तरह सील कर दरवाजे पर नोटिस चिपका दी। अस्पताल को पहले ही खाली कराया जा चुका था। इससे पहले महानगर में हुए फर्जी टीकाकरण शिविरों की जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि इसी अस्पताल को मिली कोरोना टीके की खाली शीशियों में सलाइन वॉटर भरकर उसे शिविर के दौरान लोगों को लगाया गया था। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि तीन हजार से ज्यादा लोग फर्जी टीकाकरण के शिकार हुए हैं। मामले में पुलिस ने 11 एफआईआर दर्ज कर 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अस्पताल ने टीके की एक लाख खुराक हासिल करने की कोशिश की थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। इसके बाद लोगों के साथ फर्जीवाड़ा किया गया।    

मुंबई में 15 जुलाई तक धारा 144 

कोरोना संक्रमण के मामलों पर लगाम लगाने के लिए मुंबई में 15 जुलाई तक धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रशासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ‘ब्रेक द चेन’ अभियान के तहत कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरी नियमों पर कड़ाई से अमल किया जा सके इसके लिए धारा 144 लागू करने का फैसला किया गया है। बता दें कि धारा 144 के तहत पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकठ्ठा होने पर रोक होती है। आदेश उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

 

Created On :   2 July 2021 8:15 PM IST

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