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ट्रांसपोर्ट एग्जिबिशन इंडस्ट्री में दिख रहा मंदी का असर, तो नागपुर में एग्रोविजन प्रदर्शनी में लगे आकर्षक स्टॉल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जीएसटी के कारण वाहनों की बिक्री गिरने के चलते परिवहन उद्योग खराब दौर में है। जानकारों की माने तो इस बुरे दौर से उबरने में करीब डेढ़ साल का वक्त लग सकता है। दूसरी तरफ देश में सड़क हादसों में हर साल हजारों लोगों की जान जाती है। ऐसे में तकनीक के सहारे मंदी और सड़क हादसों से निपटने के लिए वाशी के सिडको एग्जिबिशन सेंटर में ‘ट्रक, टेलर ऐंड टायर’ नाम से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। 22 से 24 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में हिस्सा लेने वाले ट्रांसपोटर्स को संतोषजनक प्रतिसाद मिल रहा है।
इलेक्ट्रानिक वाहनों में भविष्य
ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते खतरे के बाद अब सरकारें इलेक्ट्रिक या ग्रीन वाहनों को बढ़ावा देने में जुटी हैं। सरकारी परिवहन में अब इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल शुरू हो चुका है। अब रोड ट्रांसपोर्ट में भी अब इस दिशा में शुरुआत हो रही है। प्रदर्शनी के दौरान 400 किलो मालवहन क्षमता वाले इलेक्ट्रिक टैम्पो लोगों को पसंद आ रहे हैं। घर के साधारण प्लग में 8-9 घंटा चार्ज करने के बाद 70-80 किमी तक इसे चलाया जा सकता है। छोटे व्यापारियों के लिए यह सस्ता साधन साबित हो सकता है।
दुर्घटनाएं रोकने की कवायद
देश में ट्रैफिक नियम कड़े होने के बावजूद उसके पालन को लेकर लोग गंभीर नहीं हैं, फलस्वरुप साल दर साल दुर्घटनाओं का आकड़ा बढ़ता जा रहा है। देश में हर साल 4.67 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इसमें ज्यादातर दुर्घटनाओं का जिम्मेदार बेलगाम ट्रक ड्राइवरों को माना जाता है। इन्हें रोकने या इन पर नजर बनाए रखने के लिए मार्केट में कई उत्पाद आ रहे हैं। विमानों की तरह ट्रक में भी ब्लैक बॉक्स जैसा डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया है। इस डिवाइस में स्पीड, स्थान और पड़ाव जैसी सभी जरूरी चीजें दर्ज होंगी। इसके लिए एआईएस 140 जीपीएस सिस्टम को अनिवार्य किया गया है। प्रदर्शनी में ऐसे भी उत्पाद थे जो ईसरो के के सेटेलाइट से संपर्क में रहेंगे। ये जीपीएस लोकेशन की सबसे सटीक जानकारी देंगे।
मंदी से उबरना जरूरी
प्रदर्शनी में आए हुए अधिकांश ट्रांसपोटर्स का मानना है की जीएसटी की भारी दर के चलते वाहन उद्योग की कमर टूटी है। इनका कहना था कि 28 प्रतिशत जीएसटी के कारण व्यापार ठप पड़ गया है। इसके अलावा टोल टैक्स, रोड टैक्स और बीमा की किश्तें चुकानी पड़ती हैं। कई ट्रांसपोर्टर अब ट्रकों की संख्या कम कर चुके हैं। प्रदर्शनी के आयोजक राम सौंदलकर का कहना था कि मंदी के कारण धीमा प्रतिसाद मिल रहा है। ट्रांसपोर्टर नई तकनीक तो इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन सरकारी नीतियों ने ही व्यापार ठप कर दिया है। सौंदलकर के अनुसार सरकार विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए अनुकूल माहौल नहीं बना रही है। मसलन देश में टायर बनाने वाली गिनी-चुनी कंपनियां हैं। जबकि चीन में करीब 2000 कंपनियां हैं। यदि सरकार इन्हें अनुमति दें, तो छोटे ऑपरेटर्स का खर्च कम हो जाएगा।
मलकीत सिंह बल अध्यक्ष ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के मुताबिक करीब एक दशक से हम टोल प्लाजा हटाने की मांग कर रहे हैं। अब केंद्र सरकार ने इस बारे में फैसला लिया है। आगामी 1 दिसंबर 2019 से सभी कमर्शल वाहनों के लिए फासटैग अनिवार्य किया जा रहा है। इस तकनीक से समय की बचत के साथ ही भ्रष्टाचार भी रुकेगा। हम इस तकनीक को अपनाने में पूरा सहयोग करेंगे।
600 ग्राम का सीताफल
अन्य कृषि उपयोगी सामग्री के साथ ही यहां सीताफल का स्टॉल लगा है। मधुबन फार्म एंड नर्सरी द्वारा लगाए गए इस स्टॉल पर 600 ग्राम से अधिक वजन वाले सीताफल बिक्री के लिए उपलब्ध है। स्टॉल पर सीताफल की विविध 40 किस्में रखी गई हैं। अखिल भारतीय सीताफल महासंघ के अध्यक्ष डॉ. नवनाथ मल्हारी कसपटे के अनुसार सीताफल की एनएमके-1 (गोल्डल) किस्म अपने विविध गुणों के कारण दुनियाभर में मशहूर हो रही है।
नागपुर में पहले दिन छाए साल भर नहीं मुरझाने वाले फूल
उधर नागपुर में कृषि प्रदर्शनी एग्रोविजन का शुक्रवार से शुभारंभ हुआ। शुभारंभ से पहले ही यहां के कुछ स्टॉल पर रखे उत्पाद लोगों काे काफी भा गए। इन स्टॉलों पर खासकर लोगों का जमावड़ा देखा गया। चंद्रपुर के युवाओं के स्टार्ट-अप द्वारा बनाए गए बांबू आर्ट्स भी खूब पसंद किए जा रहे हैं। बांबू पर बेहतरीन कलाकारी कर विविध तरह के उत्पाद तैयार किए गए हैं। बांबू से बनी डायरी, तलवार, फर्नीचर, बच्चांे के खिलौने आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं। ताड़ोबा बांबूकला केंद्र के बांबू क्राफ्ट सेंटर में परिसर के 10 युवाओं को बांबू से विविध वस्तुओं के निर्माण के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां पर बांबू से सुंदर वस्तुओं का िनर्माण किया जाता है। इन वस्तुओं को काफी पसंद किया जा रहा है।
एक साल तक खिले रहेंगे फूल
उसी प्रकार एक साल तक न मुरझाने वाले फूलों को भी काफी सराहा जा रहा है। एग्रोविजन में पहली बार इस प्रकार का स्टॉल लगाया गया है। इन्हें ईश्वर फूल कहा जाता है। फूल विक्रेता ईश्वर शिंदे ने बताया कि वे पहली बार नागपुर में स्टॉल लगा रहे हैं। ईश्वर फूल लाल और पीले रंग के होते हैं। श्री शिंदे ने बताया की वर्षों से उनके पूर्वज इन फूलों की खेती कर रहे हैं। कृषि महाविद्यालय पुणे द्वारा एग्रोविजन के बारे में जानकारी दी गई, जिसके बाद एग्रोविजन में स्टॉल लगाया है। उन्होंने बताया कि नागपुरवासियों के लिए यह फूल काफी कौतुहल का विषय बने हुए हैं। इन फूलों काे हवा और धूप मिलती रही, तो यह एक साल तक नहीं मुरझाते।
Created On :   22 Nov 2019 10:24 PM IST