कॉपीराईट मामले में हाईकोर्ट ने कहा - पीपीएल की अनुमति के बगैर सार्वजिक रुप से न बजाए जाएं संगीत

Music should not be played in public without the permission of PPL -  HC
कॉपीराईट मामले में हाईकोर्ट ने कहा - पीपीएल की अनुमति के बगैर सार्वजिक रुप से न बजाए जाएं संगीत
कॉपीराईट मामले में हाईकोर्ट ने कहा - पीपीएल की अनुमति के बगैर सार्वजिक रुप से न बजाए जाएं संगीत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने फोनोग्राफिक परफार्मेंस लिमिटेड (पीपीएल) की अनुमति के बिना नव वर्ष के मौके पर होटल, पब व रेस्टोरेंट आदि स्थानों पर लोकप्रिय फिल्म गीत-संगीत बजाने को लेकर रोक से जुड़े आदेश को बरकरार रखा है। इसलिए कॉपी राइट कानून के तहत जिन गानों-संगीत का मालिकाना हक पीपीएल के पास है उन्हें उसकी अनुमति के बिना नहीं बजाया जा सकेगा। अदालत ने कहा है कि जरुरी लाइसेंस फीस का भुगतान करने के बाद ही पीपीएल के गानों को बजाया जा सकेगा। हाईकोर्ट ने पिछले साल इस मामले में याचिका को विचारार्थ मंजूर करते हुए आदेश जारी किया था लेकिन इस साल कोरोना के चलते याचिका पर सुनवाई नहीं हो पायी। इसलिए मामले को लेकर पिछले साल जारी किए गए आदेश को न्यायमूर्ति के आर श्रीराम ने बरकरार रखा है। पिछले आदेश में भी पीपीएल की अनुमति के बाद ही गाने बजाने की इजाजत दी गई थी। 

25 लाख गानों का अधिकार 

पीपीएल ने याचिका में दावा किया है कि हर साल क्रिसमम व नए साल के मौके पर किए जानेवाले आयोजन व पार्टियों में ऐसे गाने बजाए जाते है जिनका मालिकाना हक याचिकाकर्ता के पास है। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता के पास 25 लाख गानों व हिंदी, अग्रेजी सहित अन्य भाषाओं के 300 म्यूजिक लेबल का मालिकाना हक है। नियमानुसार होटल व रेस्टोरेंट, होटल व पब को गाने बजाने से पहले उनसे (पीपीएल) इजाजत लेनी चाहिए। 

Created On :   31 Dec 2020 7:21 PM IST

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