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मचान गणना में नजर आए 36 बाघ, 36 तेंदुए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेलघाट टाइगर रिजर्व और ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में गत शनिवार को हुए मचान गणना में कुल 36 बाघ और 36 तेंदुए नजर आए। ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में वयस्क व शावक समेत 20 बाघ और 3 तेंदुए, जबकि मेलघाट टाइगर रिजर्व में 16 बाघ और 33 तेंदुए देखे गए। मचान गणना को मेलघाट टाइगर रिजर्व में काफी सफल रहा जबकि ताड़ोबा और पेंच के बफर जोन और नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व में गणना में शामिल होने अपेक्षाकृत कम लोग पहुंचे।
मेलघाट टाइगर रिजर्व में कुल 406 मचान
मेलघाट टाइगर रिजर्व में कुल 406 मचान बनाए गए थे। गणना में भाग लेने 359 लोग पहुंचे। एपीसीसीएफ और फिल्ड डायरेक्टर एमएस रेड्डी के अनुसार, मेलघाट टाइगर रिजर्व में पिछले वर्ष की तुलना में वन्यजीवों में भारी वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि रिजर्व में देखे गए बाघों की संख्या पिछले वर्ष की तरह 16 ही रही, पर इसके साथ ही 33 तेंदुए देखे गए, पिछले वर्ष 12 की तुलना में इनकी संख्या में अच्छी वृद्धि दर्ज हुई है। रिजर्व में स्लोथ बेयर की संख्या 238 हो गई है, जो पिछले वर्ष 168 थी। इसी तरह वाइल्ड डॉग्स 47 से बढ़कर 132, इंडियन गौर 209 से बढ़कर 325, बार्किंग डीयर 143 से बढ़कर 286 हो गई हैं।
लुप्तप्राय रैटल्ज़ और पैंगोलिन भी दिखे
मेलघाट टाइगर रिजर्व में लुप्त होने के करीब पहुंच चुके रैटल्ज़ और पैंगोलिन भी दिखे। गणना करने वालों ने 18 रैटल्ज और 2 पैंगोलिन देखे। इसके साथ ही शाकाहारी वन्यजीवों सांबर, चीतल, गौर, बार्किंग डीयर की संख्या में भी वृद्धि दर्ज हुई है।
अन्य रिवर्स में पहुंचे कम लोग
ताड़ोबा और पेंच के बफर जोन और नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व में मचान गणना अपेक्षाकृत कम प्रतिसाद मिला। पेंच बफर जोन पवनी में 13 मचान के लिए केवल 8 लोग पहुंचे। नांगलवाड़ी में 9 मचान के लिए 5 लोग थे। जिन मचानों के लिए बुकिंग नहीं हुई, वहां वन विभाग के कर्मचारियों ने वन्यजीवों की गणना की। उमरझारी, पिटझरी और नवेगांव में 44 मचानों पर 88 लोग थे। ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के पलसगांव, चंद्रपुर, मुल, शिवनी, मोहार्ली रेंज में बनाए गए कुल 50 मचानों में 37 पर स्थानीय लोगों को गणना का अवसर मिला। स्थानीय आधिकारियों के अनुसार, कुल 1062 वन्यजीवों की गणना हुई।
दोगुनी वृद्धि
मेलघाट टाइगर रिजर्व में शाकाहारी पशुओं की संख्या में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज हुई है। इससे स्पष्ट है कि वन विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयासों का अच्छा परिणाम सामने आ रहा है। रिजर्व क्षेत्रों में गश्त बढ़ाए जाने, घास व जलस्रोतों की संख्या बढ़ने का असर वन्यजीवों की संख्या पर साफ नजर आ रहा है। शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ने का असर बाघ व अन्य मांसाहारी जीवों की संख्या पर भी पड़ेगा और उनमें भी वृद्धि होगी।
- डॉ. जयदीप दास, मानद वन्यजीव वार्डन, मचान गणना के प्रबंध में शामिल
Created On :   21 May 2019 2:04 PM IST