रोजाना 1 लाख लीटर से अधिक पानी का उपयोग करने वालों पर चला नागपुर मनपा का डंडा

Nagpur Corporation strict on use more than 1 lakh liter water daily
रोजाना 1 लाख लीटर से अधिक पानी का उपयोग करने वालों पर चला नागपुर मनपा का डंडा
रोजाना 1 लाख लीटर से अधिक पानी का उपयोग करने वालों पर चला नागपुर मनपा का डंडा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में गहराते जलसंकट ने अब पानी का अधिक उपयोग करने वालों को रडार पर ला दिया है। मनपा ने अब रोजाना 1 लाख लीटर से अधिक पानी का उपयोग करने वालों पर डंडा चलाया है। मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने शहर के ऐसे 52 ग्राहकों (बल्क कंज्यूमर) को नोटिस जारी कर उन्हें अप्रैल 2020 तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) या इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) लगाने का आदेश जारी किया है। उन्हें कहा गया कि अप्रैल 2020 तक एसटीपी या ईटीपी लगाकर पानी का 70 प्रतिशत पुर्न:उपयोग अपने प्रतिष्ठान व कार्यालय के लिए करें। एसटीपी या ईटीपी से पुन:प्रक्रिया किया गया पानी का इस्तेमाल अपने परिसर के बगीचे, कूलर, निर्माणकार्य, गाड़ी की धुलाई अथवा अन्य बाहरी काम के लिए करें। इससे पीने के लिए उपयोग किए जा रहे पानी का दुरुपयोग रुकेगा। अगर अप्रैल 2020 तक उक्त ग्राहक एसटीपी, ईटीपी लगाते नहीं है तो मजबूरन इन ग्राहकों से मई 2020 से दोगुने दर से पानी बिल वसूल किया जाएगा। 

बूस्टर पंप का उपयोग दंडनीय अपराध  

मनपा जलप्रदाय विभाग के कार्यकारी अभियंता ने नागरिकों से पानी बचाने का आह्वान करते हुए कहा कि पानी का दुरुपयोग अन्य कामों के लिए टालें। बूस्टर पंप का उपयोग बंद करें। यह मनपा के पानी विधि अनुसार दंडनीय अपराध है। बूस्टर पंप का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

संकट की घड़ी है

अनेक वर्षों बाद नागपुर शहर को जलसंकट की भयावह स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। तोतलाडोह डैम सूखा पड़ गया है। ऐसे में नागपुर शहर के लिए नवेगांव खैरी बांध के डेड-स्टॉक से पानी उठाने की नौबत आ गई है। कन्हान जलशुद्धिकरण केंद्र का भी स्टॉक खत्म हो गया है। वहां भी नवेगांव खैरी व खेकड़ानाला बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। इस संकट की घड़ी में भी शहर को रोजाना 630 से 640 एमएमडी पानी रोजाना दिया जा रहा है। लेकिन इस पानी का अनेक जगह दुरुपयोग हो रहा है। अनेक स्थानों पर लीकेज तो कई जगह पानी बाहरी कामों पर बर्बाद किया जा रहा है। खासकर शहर में 52 बल्क ग्राहक ऐसे पाए गए हैं, जो रोजाना 1 लाख लीटर से अधिक पानी का उपयोग करते हैं। पीने के लिए कम और बाहरी कामों पर यह पानी अधिक इस्तेमाल होता है। ऐसे ग्राहकों की सूची बनाकर उन्हें अप्रैल 2020 तक अपने प्रतिष्ठान या कार्यालय में एसटीपी या ईटीपी लगाने का आदेश जारी किया है। उन्हें पानी का एसटीपी या ईटीपी में पुन: प्रक्रिया कर पानी का इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया है, ताकि पानी की बर्बादी को टाला जा सके। अप्रैल 2020 तक ऐसा नहीं करने पर उनसे दोगुने दर पर पानी बिल की वसूली की जाएगी। 

Created On :   2 Jun 2019 12:33 PM GMT

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