दृष्टिहीनों की ‘आंख’ बनी यह लाइब्रेरी, स्टूडेंट्स को मिल रहा फायदा

Nagpur District Library becomes eyes for blinds
दृष्टिहीनों की ‘आंख’ बनी यह लाइब्रेरी, स्टूडेंट्स को मिल रहा फायदा
दृष्टिहीनों की ‘आंख’ बनी यह लाइब्रेरी, स्टूडेंट्स को मिल रहा फायदा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुस्तकप्रेमियों की संख्या में भी दिन-ब-दिन वृद्धि हो रही है। धंतोली के इस लाइब्रेरी की खासियत यह है कि यहां दृष्टिहीन पाठकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। ब्रेल लिपि में यहां उपलब्ध 1202 किताबों का संग्रहण, दृष्टिहीनों के लिए विशेष सर्वसुविधायुक्त कक्ष और उनकी मदद के लिए तत्पर कर्मचारियों की उपलब्धता इस लाइब्रेरी को विशेष बनाती है। इसके साथ ही यहां स्पर्धा परीक्षा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए पृथक कक्ष, स्पर्धा परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक लेटेस्ट पुस्तकों का जखीरा, पढाई के लिए शांत वातावरण व अध्ययन में सहयोग करने वाले लाइब्रेरी कर्मचारी विशेष योगदान दे रहे हैं।

सालाना शुल्क मात्र 50 रुपए
इस लाइब्रेरी में कोई भी व्यक्ति सदस्यता प्राप्त कर सकता है। अप्रैल 2018 तक इस लाइब्रेरी में सदस्यता प्राप्त करने वालों से सालाना शुल्क मात्र 10 रुपए व अमानत राशि (डिपाजिट)100 रुपए निर्धारित थी। इस वर्ष के अप्रैल माह से द्विवार्षिकी सदस्यता शुल्क 100 रुपए व अमानत रकम (डिपाजिट) 500 रुपए निर्धारित किया गया है। वर्तमान में इस लाइब्रेरी के 2400 सभासद हैं जो नियमित रूप से यहां पढ़ने आते हैं तथा 10 दिनों के लिए लाइब्रेरी की पुस्तकें घर ले जाते हैं। यह लाइब्रेरी सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक खुला रहता है।

पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए इस लाइब्रेरी में अलग-अलग विषयों व लेखकों की कुल 93,617 पुस्तकें हैं। ‘पुस्तकों को पाठक मिले, आैर पाठकों को पुस्तकें’ इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए यशवंत स्टेडियम परिसर में तीन मंजिला इमारत में यह लाइब्रेरी कई वर्षों से पुस्तकप्रेमियों को सेवा प्रदान कर रहा है। यही नहीं संतरानगरी के 50 गरीब बच्चों को इस लाइब्रेरी की नि:शुल्क सदस्यता दी गई है। इन बच्चों के लिए यहां उनकी रुचि के विषयों की पुस्तकें उपलब्ध करायी गई हैं,जिसका वे लाभ उठा रहे हैं।

नि:शुल्क व्यवस्था
विदर्भ वैधानिक विकास मंडल द्वारा संचालित इस ग्रंथ सहवास लाइब्रेरी में अनेक युवा स्पर्धा परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययनरत नजर आते हैं। इन युवाओं को लगने वाली पुस्तकें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ग्रथालय प्रशासन द्वारा उठायी जा रही है। यही नहीं इस लाइब्रेरी में एक कंप्यूटर व इंटरनेट कनेक्शन की भी व्यवस्था की गई है। इस कंप्यूटर के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर स्पर्धा परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा स्पर्धा परीक्षा के परीक्षार्थी के लिए उपलब्ध करायी गई है। लाइब्रेरी प्रशासन के मुताबिक यहां के सदस्य अनेक विद्यार्थी स्पर्धा परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर शासकीय नौकरी में शामिल किए जा चुके हैं। हालांकि ऐसे सदस्यों का लाइब्रेरी द्वारा रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।

लाइब्रेरियों का संचालन
राज्य सरकार द्वारा 2012 से नये सार्वजनिक लाइब्रेरी शुरू करने संबंधी प्रस्ताव आमंत्रित नहीं किए गए हैं। इसके कारण पिछले 6 वर्षों से नये अनुदानित लाइब्रेरी शुरू नहीं हो पा रहे हैं। वर्तमान में नागपुर जिले की 14 तहसीलों में कुल 234 अनुदानित लाइब्रेरी हैं। इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ जिला लाइब्रेरी अधिकारी कार्यालय द्वारा दिया जा रहा है। इसी कार्यालय से इन लाइब्रेरियों को अनुदान राशि का धनादेश दिया जाता है। जिले के सार्वजनिक लाइब्रेरियों को 4 श्रेणी में विभक्त किया गया है। अ श्रेणी के लाइब्रेरियों को सालाना 2 लाख 88 हजार रुपए, ब श्रेणी के लाइब्रेरियों को सालाना 1 लाख 92 हजार रुपए, क श्रेणी के लाइब्रेरियों को सालाना 92 हजार रुपए व ड श्रेणी के सार्वजनिक लाइब्रेरियों को सालाना 30 हजार रुपए अनुदान दिया जाता है।

Created On :   5 Aug 2018 12:44 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story