दलित शब्द पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे केन्द्रीय मंत्री

Nagpur High court banned Dalit word, Athavle will challenge it in Supreme Court
दलित शब्द पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे केन्द्रीय मंत्री
दलित शब्द पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे केन्द्रीय मंत्री

डिजिटल डेस्क,  नई दिल्ली। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने जिन हरिजन-गिरिजन, दलित जैसे शब्द का इस्तेमाल करने पर कार्यालय आदेश निकालकर पाबंदी लगाई है, उसी विभाग के मंत्री उस आदेश का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा कि दलित शब्द अपमानजनक नही है। इसका इस्तेमाल कोई बोलचाल या लिखने में करता है तो करें। आठवले ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के फैसले पर कहा कि वे इसके खिलाफ पार्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

गौरतलब है कि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने खुद अगस्त 1990 में एक कार्यालय आदेश निकालकर अनुसूचित जाति के लिए हरिजन-गिरिजन के अलावा अन्य गैर संवैधानिक शब्दों का प्रयोग करने से परहेज किया है। हालांकि केन्द्र ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के जनवरी 2018 के फैसले के बाद डॉ आंबेडकर विचारमंच के महामंत्री आरएल कैन द्वारा डाली गई आरटीआई के जवाब में दलित शब्द के पाबंदी के बारे में विभाग द्वारा कोई कदम नही उठाए जाने की बात कहीं है। इसके साथ ही कैन द्वारा  प्रेस कॉन्सिल ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखा था। प्रेस कॉन्सिल ने भी उनके जवाब में कहा कि उनके तरफ से दिए गए फैसलों में दलित शब्द के इस्तेमाल करने से बचने का आग्रह किया है।

आठवले को जब अपने विभाग के आदेश के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि वह सरकारी कामकाजों में दलित शब्द का प्रयोग नही करने को लेकर है। अगर कोई व्यक्ति बोलचाल में या लिखने में करता है तो उसके लिए पाबंदी नही है। उनको यह पूछने पर भी पूछा गया कि जिन लोगों को दलित कहा जाता है उनके लिए संविधान में अनुसूचित जाति का प्रयोग किया गया है और आप दलित शब्द के इस्तेमाल के पक्ष में है। ऐसे में आप संविधानिक शब्द के इस्तेमाल को नकार नही रहे है? इस पर उनका कहना था कि ऐसी कोई बात नही वह संविधान का आदर करते है।
 

Created On :   5 Sep 2018 4:36 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story