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- Nagpur is "Perfect" place for cable car, 8 meter speed in one second
दैनिक भास्कर हिंदी: केबल कार के लिए नागपुर "परफेक्ट' प्लेस, एक सेकंड में 8 मीटर की स्पीड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत में रोप-वे कई जगह उपयोग किया जाता है। उसी का लेटेस्ट अपडेट वर्जन है, केबल कार। जो डिटैचेबल ग्रिप टेक्नोलॉजी पर काम करता है। विशेष बात यह है कि यह मेट्रो जैसे ट्रांसपोर्ट की अपेक्षा बहुत कम जगह घेरता है और बहुत ही कम समय में तैयार हो जाता है। वहीं रेल सहित अन्य यातायात की अपेक्षा यह कम से कम लागत वाला है। साथ ही केबल कार को लेकर नागपुर में सभावनाएं हैं। यह जानकारी कनाडा के समिट लिफ्ट कंपनी के प्रमुख रेंडी ग्लेग ने दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान कही। वह नागपुर में भारत विकास समिति के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि केवल कार को अधिकतम दूरी 1.5 किलोमीटर तक दो पिलर से जोड़ा जा सकता है। विशेष बात यह है कि इसमें जगह का उपयोग बहुत कम होता है। जहां घर और बिल्डिंग, तालाब, नदी, पहाड़ी क्षेत्र वहां इसका उपयोग पर्यटन की दृष्टि से भी किया जा सकता है। नागपुर में रेलवे स्टेशन को बर्डी स्टैंड, गणेशपेठ स्टैंड और विमानतल से मेट्रो स्टेशन नागपुर में ऐसी कई जगहों को जोड़ने का काम किया जा सकता है। यह टेक्नोलॉजी दुनिया के 80 देशों में उपयोग की जा रही है और मैं कनाडा, श्रीलंका के साथ ही यूनाइडेट स्टेट में काम कर रहा हूं। बिजली पर चलने वाली केबल कार से ध्वनि, वायु आदि किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है।
प्रति सेकंड 8 मीटर की गति
रोप-वे की अधिकतम गति 2.5 मीटर प्रति सेकंड है, जबकि यह केबल कार 8 मीटर प्रति सेकंड की गति से चलती है। साथ ही यह यातायात के लिए बहुत ही सुरक्षित है और यात्रियों की क्षमता को इसमें बढ़ाया जा सकता है। रेल या मेट्रो जैसे यातायात से केबल कार करीब 30 फीसदी सस्ता है। 3 से 7 साल में केबल कार पर खर्च की जाने वाली राशि किराया आदि के माध्मय से वसूल की जा सकती है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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