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फिर सामने आई यूनिवर्सिटी की चूक , प्रश्नपत्र छापना ही भूला

डिजिटल डेस्क,नागपुर। आए दिन अपनी खामियों में रहने वाले नागपुर यूनिवर्सिटी में फिर एक बड़ी खामी सामने आई है जिससे विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बता दें कि राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में बुधवार को तय एमए इन वुमन स्टडीज विषय की परीक्षा के लिए विद्यार्थी पहुंचे तो उन्हें खबर मिली कि यूनिवर्सिटी प्रश्नपत्र छापना ही भूल गया। शहर के कांग्रेस नगर के शिवाजी साइंस परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों को इस कारण बिना परीक्षा दिए ही घर लौटना पड़ा।
दरअसल नागपुर विश्वविद्यालय ने बुधवार को एमए इन वुमन स्टडीज के एटीकेटी के विद्यार्थियों "वुमन पॉलिटिक्स एंड गवर्नेंस' विषय का पेपर रखा था। विद्यार्थियों ने पेपर के लिए परीक्षा फीस भरी, विश्वविद्यालय ने परीक्षा के लिए हॉल टिकट भी जारी किए। परीक्षा केंद्र पर तय समय पर पेपर शुरू नहीं हुआ तो विद्यार्थियों ने केंद्र प्रमुख से संपर्क किया। प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि विश्वविद्यालय ने इस विषय का कोई पेपर ही परीक्षा केंद्र को नहीं भेजा। विद्यार्थियों के अनुसार उन्हें बताया गया कि उनका पेपर ही विश्वविद्यालय ने तैयार नहीं किया है।
परीक्षा केंद्र से विद्यार्थियों को सिविल लाइंस स्थित प्रशासकीय भवन में कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे से मिलने को कहा गया। लेकिन अंतत: विद्यार्थियों की कुलगुरु से मुलाकात नहीं हुई। दिन भर की भागदौड़ के बाद विद्यार्थियों को उदास मन से अपने घर लौटना पड़ा। अब उन्हें ग्रीष्मकालीन सत्र में होने वाली परीक्षा देने को कहा गया है। मामले में पूर्व सीनेट सदस्य महेंद्र निंबार्ते ने कहा है कि एसी कमरों में बैठने वाले विश्वविद्यालय के अधिकारियों को विद्यार्थियों के हितों की चिंता नजर नहीं आती। अपने कार्यकाल की शुरुआत में ओपन डोर पॉलिस की बात करने वाले कुलगुरु, इसे पूरी तरह भूला चुके हैं। विद्यार्थी तो दूर कुछ चुनिंदा लोगों के अलावा उनसे कोई नहीं मिल सकता। उन्होंने विश्वविद्यालय से विद्यार्थियों की पुनर्परीक्षा लेने की मांग की है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।