जीवनदायिनी कन्हान नदी सूखी, अन्य जलाशय भी खाली, विदर्भ के 544 गांवों में जल स्तर घटा

Nagpur : water level decreased in 544 villages of Vidarbha region
जीवनदायिनी कन्हान नदी सूखी, अन्य जलाशय भी खाली, विदर्भ के 544 गांवों में जल स्तर घटा
जीवनदायिनी कन्हान नदी सूखी, अन्य जलाशय भी खाली, विदर्भ के 544 गांवों में जल स्तर घटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी सहित आसपास के क्षेत्रों में जलापूर्ति करने वाली जीवनदायिनी कन्हान नदी सूख गई है। कन्हान नदीं सूखने से आने वाले दिनों में जलसंकट के हालात गंभीर नजर आ रहे हैं। साथ ही विदर्भ के 5 जिलों के 121 गांवों में भूगर्भ जल स्तर की गिरावट तीन मीटर से अधिक रिकार्ड की गई है। इन गांवों में गर्मी के आगामी दिनों में पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा 544 गांवों में यह कमी 2 मीटर और 1960 गांवों में करीब एक मीटर की कमी दर्ज की गई। ये आंकड़े ग्राउंड वाटर सर्वे एंड डेवलपमेंट एजेंसी की ओर से  जारी किए गए हैं। 

अन्य जलाशय भी सूखे
इसी तरह शहर को जलापूर्ति करने वाले तोतलाडोह बांध में मौजूदा समय में सिर्फ 5.97 प्रतिशत पानी है, यानी 60.66 एमक्यूब। पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना कम पानी है। फिलहाल मार्च, अप्रैल, मई और जून महीने में पानी के लिए संघर्ष करना बचा है। ऐसे में गर्मियों में शहरवासियों की पानी की जरूरतों को कैसे पूरा किया जाएगा, यह सवाल गंभीर होता जा रहा है। नागपुर शहर के अलावा नागपुर जिले के अन्य क्षेत्रों में जलापूर्ति करने वाले खिंडसी जलाशय, वड़गांव और नांद जलाशय की भी स्थिति गंभीर है। खिंडसी में 10.83 प्रतिशत, वड़गांव में 28.99 प्रतिशत और नांद जलाशय में सिर्फ 31.4 प्रतिशत पानी शेष है।

इससे आने वाला समय और चिंताजनक बताया जा रहा है। इस समय शहर की चिंता इसलिए भी बढ़ गई है कि पेंच जलाशय पर मध्यप्रदेश सरकार ने चौरई बांध बना दिया है। ऐसे में महाराष्ट्र को मिलने वाले पानी में बड़ी बाधा निर्माण हुई है। 

तालाबों में ऑक्सीजन की मात्रा कम
ग्रीन विजिल फाउंडेशन ने शहर के फुटाला, गांधी सागर, सक्करदरा और सोनेगांव तालाब से 20 नमूने लेकर जल की स्थिति का पता लगाने के लिए परीक्षण किया। इससे सामने आया कि तालाबों में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत अच्छी नहीं है। यह भी हमारे लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। ग्रीन विजल फाउंडेशन के संस्थापक कौस्तव चटर्जी ने बताया कि तालाब में ऑक्सीजन का लेबल 6 मिलीग्राम प्रति लीटर होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में 4 और 4.5 है और तालाबों में मूर्ति विसर्जन के बाद यह 2 मिग्रा प्रति लीटर पर आ जाता है। 2 से नीचे जाने पर मछलियां मरने लगती हैं। वहीं पीने का पानी 7 से 7.2 पीएच होता है, लेकिन हमारे तालाबों का पानी 7.5 और उससे अधिक है, जिससे पानी में क्षार अधिक है।

ये जिले भी प्रभावित
विदर्भ के नागपुर समेत 8 जिले भूगर्भ जल स्तर के नीचे जाने से जलसंकट का सामना कर रहे हैं। अन्य जिलों में अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलढाणा, वाशिम, वर्धा और चंद्रपुर शामिल हैं। तीन शेष जिले भंडारा, गड़चिरोली और गोंदिया के किसी भी गांव में भूगर्भ जल स्तर में गिरावट दर्ज नहीं की गई है। हालांकि भूगर्भ जल स्तर में 1-2 मीटर की कमी की भरपाई संभव है।

Created On :   23 March 2019 8:18 AM GMT

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