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नागपुर के NIT की बर्खास्तगी का फैसला रद्द, उद्धव ने पलटा फडणवीस सरकार का एक और फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है। सरकार ने नागपुर सुधार प्रन्यास (एनआईटी) को बर्खास्त करने के फडणवीस सरकार के फैसले को वापस ले लिया है। गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल ने नागपुर सुधार प्रन्यास अधिनियम बर्खास्त करने के बारे में पहले लिए गए फैसले को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। नागपुर सुधार प्रन्यास इस स्वायत्त संस्था को बर्खास्त करने के संबंध में 27 दिसंबर 2016 और 13 अगस्त 2019 को राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला लिया था। लेकिन मौजूदा परिस्थिति में इस फैसले को लागू करने की आवश्यकता नहीं होने के कारण इस निर्णय को वापस लेने को मंजूरी दी गई है।
राज्य सरकार के इस फैसले की बाबत नागपुर के पालकमंत्री नितीन राऊत ने कहा कि नागपुर के विकास के लिए एनआईटी की जरुरत है। राऊत ने कहा कि मेरी मांग पर एनआईटी को बर्खास्त करने का शासनादेश रद्द करने का फैसला लिया गया है।
अहमदनगर में पानी इस्तेमाल को मंजूरी
अहमदनगर के कर्जत तहसील की तुकाई उपसा सिंचाई योजना के पानी के इस्तेमाल को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस योजना के 24 पाझर तलाब और 3 लघु सिंचाई तालाब में पानी छोड़ने के बाद पानी का सिंचाई और पानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए 5 करोड़ 79 लाख 87 हजार 606 रुपए खर्च को मंजूरी दी गई है।
पीडब्लूडी के 42 जूनियर इंजिनियर होंगे नियमित
प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण विभाग के 42 कनिष्ठ अभियंताओं का सेवाकाल नियमित होगा। राज्य मंत्रिमंडल ने 42 कनिष्ठ अभियंता (स्थापत्य) के 15 दिन से ज्यादा सेवाखंड विशेष प्रस्ताव के रूप में क्षमापित करने के फैसले को मंजूरी दी गई है। मुंबई हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के आदेश के बाद सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के मनोज लोथे समेत अन्य 41 कनिष्ठ अभियंताओं का सेवाखंड 15 दिन से ज्यादा क्षमापित किया जाएगा। इसके साथ ही सभी अभियंताओं के सेवा मूल नियुक्ति के दिन से केवल सेवा वरिष्ठता के कारण नियमित किया जाएगा।
Created On :   4 Feb 2021 7:43 PM IST