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माओवादी संगठन-हिजबुल मुजाहिद्दीन के बीच की कड़ी थे गौतम नवलखा - वकील
डिजिटल डेस्क, मुंबई। माओवादी संगठनों के पाकिस्तान के आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ संबध हैं और यह संबंध बनवाने में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आयी है। बुधवार को अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा पई ने बांबे हाईकोर्ट में पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर अपनी दलीलों के दौरान यह खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि भीमा-कोरेगांव मामले से जुड़े आरोपियों की देश के खिलाफ युद्ध की घोषणा की तैयारी थी। नक्सलियों व माओवादियों को हिजबुल व दूसरे आतंकी संगठनों से हथियार व विस्फोटक सामाग्री उपलब्ध कराई जाती है। पुलिस को इस संबंध में आरोपी रोना विल्सन व आरोपी सुरेंद्र गडलिंग के लैपटाप से सबूत मिले हैं। प्रकरण से जुड़े कुछ सबूत बंद लिफाफे में न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ को सौपे गए हैं। खंडपीठ के सामने नवलखा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में नवलखा ने खुद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की है और खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया है।
हाईकोर्ट में सरकारी वकील का दावा
नवलखा के खिलाफ पुणे पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया है। नवलखा की याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने दावा किया कि प्रकरण से जुड़े आरोपी नवलखा ने हमेशा नक्सलियों का समर्थन व सहयोग किया है। नवलखा के लैपटाप से मिले पत्रों से साफ हुआ है कि छत्तीसगढ में साल 2017 में हुए नक्सली हमले की साजिश में भी नवलखा ने हिस्सा लिया था। नवलखा की याचिका पर गुरुवार को भी खंडपीठ के सामने सुनवाई जारी रहेगी। गौरतलब है कि कोर्ट ने नवलखा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की है।
Created On :   24 July 2019 4:21 PM GMT