नवोदय बैंक घोटाला : बैंक अध्यक्ष और उनकी पत्नी का पासपोर्ट जब्त

Navodaya Bank Scam Case : Passport sized of president or his wife
नवोदय बैंक घोटाला : बैंक अध्यक्ष और उनकी पत्नी का पासपोर्ट जब्त
नवोदय बैंक घोटाला : बैंक अध्यक्ष और उनकी पत्नी का पासपोर्ट जब्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपराध शाखा के आर्थिक विभाग ने शनिवार को नवोदय बैंक घोटाले के एक आरोपी को अवकाशकालीन अदालत में पेश किया, जहां से उसे पीसीआर में भेज दिया है। इस बीच बैंक अध्यक्ष व उनकी पत्नी का पासपोर्ट भी जब्त किया गया है। प्रकरण में लिप्त अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। 

आंख मूंदकर कर्ज बांटने का आरोप 

गिरफ्तार आरोपी प्रसाद पिंपले नवोदय अर्बन को-ऑप बैंक में संचालन मंडल में शामिल है। प्रसाद के जिम्मे बैंक में गिरवी रखने के लिए आई संपति का वैल्युएशन करने का काम था। आरोप है कि प्रसाद ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए संपत्ति का बढ़ा-चढ़ाकर वैल्युएशन किया। इसके लिए फर्जी दस्तावेजों का भी सहारा लिया। मिलीभगत होने से बगैर जांच-पड़ताल किए कर्जदारों को आंख मूंदकर करोड़ों रुपए का कर्ज दिया गया है। इस कारण 38 करोड़ 75 लाख रुपए के कर्ज में बैंक डूब गई। प्रकरण की गंभीरता को ही देखते हुए अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को मामले की जांच सौंपी गई। 

पुलिस हुई सक्रिय

इस बीच बैंक अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक अशोक धवड़ उनकी पत्नी किरण समेत आधा दर्जन से भी अधिक लोगों ने गिरफ्तारी से बचने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने जैसे ही उनकी जमानत याचिका खारिज की, पुलिस सक्रिय हाे गई। धवड़ के घर पर छापा मारा गया। उनकी दो आलीशान कारें जब्त की गईं। धवड़ दंपति विदेश न भाग जाएं, इस आशंका के चलते पुलिस ने उनका पासपोर्ट भी जब्त किया है। शेष फरार सभी आरोपियों की तलाश जारी होने की जानकारी जांच अधिकारी फुलपगारे ने दी है। इस बीच गिरफ्तार आरोपी प्रसाद को शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से 9 तारीख तक उसे पीसीआर में लिया गया है। जांच जारी है। 

हत्या के आरोप में सजायाफ्ता आरोपी को जमानत

उधर मुबंई ऊच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायाधीश श्री पी.एन. देशमुख तथा पुष्पा गनेडीवाल की खंडपीठ ने हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आरोपी अशोक भाऊराव रुईकर की सजा पर रोक लगाते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिया। सरकारी पक्ष के अनुसार मृतक महादेव सोनटक्के पर जादूटोने का शक था, आरोपी को शंका थी कि इसकी बजय से बच्चे की तबीयत खराब हो गई थी। जिसके बाद पत्थर से वार कर उसे जान से मार दिया था, हालांकि यह साबित नहीं हो सका कि आरोपी ने हत्या को अंजाम दिया था। सबूतों के अभाव में अशोक रुईकर को ज़मानत पर रिहा करने के आदेश दिया गया। 

Created On :   7 July 2019 12:37 PM GMT

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