जंगल में बेहाल जिन्दगी जी रहे नक्सली, तंग आकर 12 लाख के इनामी दंपति ने किया आत्मसमर्पण

Naxalites fed up with victim of discrimination in the forest
जंगल में बेहाल जिन्दगी जी रहे नक्सली, तंग आकर 12 लाख के इनामी दंपति ने किया आत्मसमर्पण
गड़चिरोली जंगल में बेहाल जिन्दगी जी रहे नक्सली, तंग आकर 12 लाख के इनामी दंपति ने किया आत्मसमर्पण

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जिला पुलिस विभाग की प्रभावी खोज मुहिम के कारण इन दिनों नक्सल आंदोलन लगातार बैकफुट पर जा रहा है। इसी कड़ी में गुरूवार को 12 लाख रूपए के इनामी नक्सल दंपति ने भी जिला पुलिस विभाग के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इसके बाद सी-60 कमांडोस का मनोबल और अधिक बढ़ गया है। गुरूवार को जिला पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने जानकारी देते हुए सरकारी नीतियों के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों का पुनर्वास करने की जानकारी भी दी। आत्मसमर्पित नक्सलियों में छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर जिले के वक्कुर गांव निवासी कोलु ऊर्फ विकास ऊर्फ सुकांत विनोद पदा उम्र 27 साल और उसकी पत्नी एटापल्ली तहसील के जवेली बु निवासी राजे ऊर्फ डेबो जैराम उसेंडी उम्र 30 साल शामिल है। 

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पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल के मुताबिक सितंबर 2010 में काेलु पदा प्रतापपुर नक्सल दलम में शामिल हुआ। नवंबर 2011 से 2017 तक उस पर सीसीएम सुधाकर के सुरक्षा रक्षक की जिम्मेदारी थी। इसके बाद जुलाई 2017 से दिसंबर 2021 तक वह कंपनी क्रमांक 10 में सेक्शन कमांडर पद पर कार्यरत रहा। 

कोलु पदा पर 3 हत्या, 7 मुठभेड़, 1 लूटमार जैसे 11 मामले विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज हैं। वर्ष 2020 में जिले की कोठी पुलिस मदद केंद्र अंतर्गत पोयारकोठी जंगल में उसके लगाए गए एम्बुश में 1 पुलिस अधिकारी और 1 जवान शहीद हुए थे। वहीं राजे ऊर्फ डेबो उसेंडी फरवरी 2011 में एटापल्ली तहसील के कसनसुर दलम में भर्ती हुईं। सितंबर 2012 से दिसंबर 2021 तक उसने कंपनी क्रमांक 10 में सदस्य पद पर कार्य किया। उसके खिलाफ 1 हत्या, 4 मुठभेड़, 1 आगजनी जैसे कुल 6 अपराध दर्ज हैं। वर्ष 2019 में मुसपर्शी गांव निवासी साईनाथ तव्वे की हत्या में उसका सक्रिय सहभाग था। महाराष्ट्र सरकार ने कोलु पदा पर 8 लाख तो डेबो उसेंडी पर 4 लाख रूपए का ईनाम घोषित किया था। 

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नक्सली दलम में लगातार हो रहीं परेशानी के चलते दोनों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण के बाद सरकार ने कोलु पदा को 3 लाख 50 हजार रूपए और डेबो उसेंडी के लिए 2 लाख 50 हजार रूपए मंजूर किए हैं। दोनों पति-पत्नी का एकसाथ आत्मसमर्पण करने के कारण कुल 7.50 लाख रूपए पुनर्वास के लिए मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) सोमय मुंडे, अपर पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) समीर शेख प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 

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दलम में बढ़ रहें भेदभाव के चलते किया समर्पण 

आत्मसमर्पित नक्सल दंपति ने बताया कि इन दिनों नक्सली दलम में भेदभाव बढ़ने लगा है। महिलाओं और बच्चों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जंगल में सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। दलम में मेहनतकश कार्य केवल महिला नक्सलियों को ही दिया जाता है। दलम में नसबंदी कर पति-पत्नी को अलग रखा जाता है। साथ ही सुरक्षाबलों की कार्रवाईयां बढ़ने से जंगल में भी अब नक्सली असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। दवा के लिए पैसे भी उपलब्ध नहीं कराए जाते। तंगल आकर कोलु और डेबो ने जिला पुलिस विभाग के समक्ष आत्मसमर्पण किया। 

नक्सली हमलों की वजह क्या है?

4 वर्षाें में 47 नक्सलियों का आत्मसमर्पण 

वर्ष 2019 से मई 2022 तक कुल 47 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। समर्पित नक्सलियों में बड़े कैड़र के नक्सलियों का भी समावेश है। शुरू वर्ष में अब तक 2 नक्सलियों ने अपने हथियार डाले। 


 

Created On :   12 May 2022 7:15 PM IST

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