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अहेरी में बनेगी समर्पित नक्सलियों की मॉडल बस्ती

मनोज वनकर , गड़चिरोली। हाथों में बंदूक लेकर दहशत फैलानेवाले नक्सली जब हथियार छोड़कर समाज के मुख्य प्रवाह में शामिल हुए, तब उन्हें समाज में सम्मान दिलाने तथा उन्हें आरामदायक जीवन देने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक डा. अभिनव देशमुख व पुणे के आदर्श मित्र मंडल के अध्यक्ष उदय जगताप की संकल्पना से प्रयास शुरू हो गए। अब इन्हें मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से अहेरी शहर में पुलिस के समक्ष मॉडल बस्ती तैयार की जा रही है। इस बस्ती का काम आगामी माह से शुरू होगा। इस कार्य में जिला पुलिस विभाग, आर्दश मित्र मंडल पुणे, रोटरी क्लब ऑफ पुणे वेस्टएंड, बल्लारपुर की लक्ष्मीनरसिंहा पतसंस्था और आलापल्ली की उड़ान फाउंडेशन सहयोग दे रहा है।
बरकरार है क्षेत्र में दहशत
गड़चिरोली जिले में पनप रहे नक्सलवाद के चलते दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्र के लोग आज भी दहशत के साये में जी रहे हैं। नक्सलवाद का खात्मा करने के लिए जिला पुलिस दल सदैव तत्पर है। इसी कड़ी में राज्य सरकार और पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न उपक्रम चलाकर नक्सलियों का मन परिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला पुलिस विभाग के उपक्रम को सफलता मिलकर पिछले कुछ सालों में अनेक नक्सलियों ने जिला पुलिस के समक्ष समर्पण कर समाज के मुख्य प्रवाह में शामिल होकर सादगी से जीने का मार्ग चुना है। इन समर्पित नक्सलियों की सरकार की ओर से सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। जिससे ये लोग छोटा-मोटा काम करके जीवन-यापन कर रहे हैं। बता दें कि, आत्मसमर्पित नक्सली गड़चिरोली और अहेरी जैसे बड़े शहरों में अपने झोपड़े तैयार कर रहते हैं। इससे उनकी बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं नहीं होने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पुलिस अधीक्षक की पहल का असर
आत्मसमर्पित नक्सलियों को रहने के लिए जगह उपलब्ध करवाने के संदर्भ में अब तक कोई अहम कदम नहीं उठाया गया था। इस बीच जिला पुलिस अधीक्षक डा. अभिनव देशमुख और आदर्श मित्र मंडल के अध्यक्ष उदय जगताप की संकल्पना से अब आत्मसमर्पितों को मॉडल बस्ती में रहने का अवसर मिलेगा। उदय जगताप ने बताया कि, जिला पुलिस अधीक्षक डा. देशमुख के सहयोग से पहली बार अहेरी शहर में आत्मसमर्पित नक्सलियों की बस्ती तैयार की जाएगी। जिस तरह सांसद, विधायक द्वारा गोद लिए गए गांवों को आदर्श ग्राम कहा जाता है, उसी तर्ज पर जिला पुलिस विभाग व संबंधित सामाजिक संगठनों की पहल से आत्मसर्पितों की बस्ती को आदर्श बस्ती व मॉडल बस्ती के रूप में संबोधित किया जाएगा। मॉडल बस्ती का कार्य आगामी माह से शुरू होगा। इस बस्ती में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।
बस्ती में प्रत्येक घर पर सुविचार लिखे जाएंगे। साथ ही व्यसनमुक्त परिवारों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाएगा। पहले चरण में 5 परिवारों को रोजगार दिया जाएगा। जिसके बाद यह कार्य निरंतर जारी रहेगा। आत्मसमर्पित नक्सलियों के बच्चों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए इस बस्ती में डिजिटल आंगनवाड़ी का शुभारंभ हाल ही में किया गया है। इस डिजिटल आंगनवाड़ी में तकरीबन आत्मसमर्पित नक्सलियों के 29 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। मॉडल बस्ती निर्माण होने पर समर्पित नक्सली परिवारों की ओर लोगों का देखने का नजरिया ही बदल जाएगा। इस मंशा से मॉडल बस्ती का संकल्प किए जाने की जानकारी जगताप ने दी।

Created On :   19 Jan 2018 4:11 PM IST