गणतंत्र दिवस: परेड में महाराष्ट्र की झांकी को अनुमति न मिलने से भड़की एनसीपी-शिवसेना

NCP-Shiv Sena angry over not getting permission of Tableau in parade
गणतंत्र दिवस: परेड में महाराष्ट्र की झांकी को अनुमति न मिलने से भड़की एनसीपी-शिवसेना
गणतंत्र दिवस: परेड में महाराष्ट्र की झांकी को अनुमति न मिलने से भड़की एनसीपी-शिवसेना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजधानी नई दिल्ली में निकलने वाली झांकी के लिए महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल को अनुमति न दिए जाने पर राकांपा सांसद सुप्रिया सुले कहा है कि केंद्र सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकतर इस तरह का फैसला लिया है। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने भी इसकी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनकी झांकियों को अनुमति नहीं देना लोगों का ‘अपमान’ जैसा है।

सूले ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र ने गणतंत्र दिवस पर परेड के लिए महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है। यह देश का त्योहार है और केंद्र से सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने की उम्मीद है। लेकिन सरकार पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों से सौतेला व्यवहार कर रही है। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि यदि ऐसा कांग्रेस के शासन में हुआ होता तो महाराष्ट्र भाजपा के नेता बवाल कर देते। उन्होंने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस परेड में महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी नहीं दिखाई देगी। इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं।  

राजपथ पर दिखती ‘175 साल की मराठी रंगभूमि’ की झांकी

राजपथ पर होने वाली परेड में महाराष्ट्र की झांकी हमेशा आकर्षण का केन्द्र रही है, लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में राज्य की झांकी नही दिखेगी। संरक्षण मंत्रालय ने इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में महाराष्ट्र की झांकी को शामिल नही किया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार 2020 के गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी के कुल 56 प्रस्ताव आए थे। इनमें से केवल 22 प्रस्ताव चुने गए जिसमें 16 राज्य और 6 मंत्रालय शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक इन प्रस्तावों को मंजूरी के लिए गठित कमेटी की लगातार पांच बैठकों के बाद 16 राज्यों की झांकियों को संचलन के लिए चुना गया है। इनमें महाराष्ट्र की झांकी को इस बार स्थान नही दिया गया है। इस पर शिवसेना नेता संजय राऊत के ट्वीट के बाद इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक तर्क-वितर्क निकाले जा रहे है।

इस बार महाराष्ट्र की ओर से झांकी के लिए अलग-अलग विषयों के 4 प्रस्ताव भेजे गए थे, जिसमें से एक ‘175 साल की मराठी रंगभूमि’ प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था। हालांकि कमेटी की ओर से लगातार तीन बैठकों में इस प्रस्ताव को स्वीकृति भी दी गई थी, लेकिन बाद की बैठकों में महाराष्ट्र के प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया गया। इस मसले पर राज्य के संस्कृति कार्य विभाग का कहना है कि रक्षा विभाग की ओर से इसकी कोई वजह नही बताई गई, लेकिन यह इसलिए किया गया है कि रोटेशन में अन्य राज्यों को भी परेड़ में स्थान मिलें। पिछले साल महाराष्ट्र सहित 16 राज्यों की झांकियों का ही चयन किया गया था।

बता दें कि महाराष्ट्र की झांकी 2005, 2008, 2013, 2014, 2016 में भी राज्य की झांकी को परेड में स्थान नही मिला था। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार को इस बार महाराष्ट्र की झांकी को परेड में स्थान न देकर अपना कौनसा उद्देश साधना है? यही अगर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में होता तो भाजपा इस मुद्दे पर बखेडा खड़ा करती, लेकिन भाजपा अब चुप है? 
 

Created On :   2 Jan 2020 5:08 PM GMT

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