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39 लाख के गायब हुए चावल की न जांच न एफआईआर
डिजिटल डेस्क जबलपुर । एक दशक में बड़ा सिंडिकेट बन चुके जकरिया ट्रांसपोर्ट पर न सिर्फ अनूपपुर बल्कि शहडोल में भी नान (नागरिक आपूर्ति निगम) के अफसर मेहरबान रहे। मेहरबानी का आलम यह कि पिछले साल गायब हुए 39 लाख रुपए के करीब 1305 क्विंटल चावल के मामले में न तो जांच और न ही एफआईआर कराई गई। नान के जिला प्रबंधक जांच के लिए दस्तावेज एकत्र किए जाने की बात कहते हैं, जबकि मामले की शिकायत हुए दो महीने हो चुके हैं।वर्ष 2020 में यासिर राइस मिल्स को कस्टम मिलिंग का काम मिला था। इसके द्वारा मिलिंग के बाद चावल को गोदामों में पहुंचाना था। गोरतरा स्थित जेवीएस गोदाम में लॉट बनाए जाने के दौरान जब नान के अधिकारियों द्वारा मिलान किया जा रहा था तो 2610 बोरी (1305 क्विंटल) चावल कम पाया गया। प्रारंभिक पड़ताल में यह तथ्य सामने आया था कि यासिर राइस मिल्स द्वारा चावल के भंडारण के दौरान एक ही ट्रक तथा उसकी कांटा पर्ची को अलग-अलग सीएमआर में उपयोग किया गया था। इस मामले की कई बार शिकायतें हुईं लेकिन नान के प्रबंधक उसे ठंडे बस्ते में डालते रहे। इसी महीने यहां आए नान के नए जिला प्रबंधक राकेश चौधरी के अनुसार मामला मेरे यहां आने से पहले का है। शिकायत की जांच के लिए समस्त दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं। जल्द मामले की जांच पूरी कर ली जाएगी और जांच के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे की गई हेराफेरी
मिलिंग के बाद गोदाम तक नहीं पहुंचे चावल के मामले में कोई कार्रवाई न होती देख अप्रैल 2021 में एक शिकायत हुई। शिकायत के अनुसार 22 जून 2020 को एक कांटा पर्ची पर एक ही ट्रक से गोदाम 3 बी के लॉट 18 व 19 दोनों मेें 580-580 बोरी के दस्तावेज बनाए गए लेकिन जमा 580 बोरी का केवल एक लॉट हुआ। इसके बाद 27 जून, 30 जून, 5 जुलाई तथा 8 जुलाई को किए गए भंडारण में भी एक ही नंबर वाले ट्रक से एक ही कांटा पर्ची पर 3 बी तथा 2 बी गोदाम में चावल जमा होना दर्शाया गया।
जकरिया के परिजनों की राइस मिल
जिस यासिर राइस मिल्स से गोरतरा स्थित जेवीएस गोदाम पहुंचे चावल में 2610 बोरी चावल गायब होने की बात सामने आई है, वह राइस मिल भी जकरिया के रिश्तेदार की है। और मिल से गोदाम तक चावल का परिवहन जकरिया ट्रांसपोर्ट ने किया था। स्काइ लाइन एग्रो प्रा.लि. के राजेन्द्र तिवारी तथा हरीश कुमार मेहता की शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि गलत लॉट के रिकॅार्ड यासिर राइस मिल्स के हैं।
सिवनी: डीएमओ ने ऑफ द रिकॉर्ड चालक-परिचालक संघ से करा लिया गेहूं का परिवहन अब भुगतान के लिए रास्ता खोज रहे
सिवनी में भी मुख्यालय से बिना अनुमोदन लिए ऑफ द रिकॉर्ड गेहूं का परिवहन कराए जाने का मामला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक मार्कफेड के टेंडर 15 अप्रैल तक भोपाल से फाइनल नहीं हो पाए थे। इसका फायदा उठाते हुए डीएमओ (जिला विपणन अधिकारी) ने सिवनी के चालक-परिचालक संघ से बात कर 15 हजार क्विंटल गेहंू सोसायटियों से उठवा कर गोदामों में पहुंचवा दिया। करीब सप्ताह भर ही हुआ था कि भोपाल से टेंडर फाइनल हो गए और चालक-परिवहन संघ के बजाए परिवहन ठेकेदारों से काम शुरू कराना पड़ा। बात बिगडऩा तब शुरू हुई जबकि चालक-परिचालक संघ ने परिवहन किए गए गेहूं का भाड़ा मांगना शुरू कर दिया। अब डीएमओ इस जुगत में हैं कि परिवहन ठेकेदार से बिल लेकर उसके नाम से भुगतान जारी कर दिया जाए। फिलहाल तो इसके लिए कोई परिवहन ठेकेदार राजी नहीं हुआ लेकिन उन्हें मनाने के प्रयास जारी हैं। इस मामले में जब डीएमओ शिशिर सिन्हा से बात की तो उन्होंने कहा कि- तत्काल परिवहन करना जरूरी था क्योंकि गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा था। बारिश होने पर गेहूं खराब हो सकता था। वे इसके लिए अधिकार प्राप्त होने की बात भी कहते हैं। लेकिन उनके पास इस बात का जवाब नहीं था कि यदि सब कुछ प्राप्त अधिकारों के तहत ऑन द रिकॉर्ड हुआ है तो फिर चालक-परिचालक संघ को सीधे भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा?
अनूपपुर: जैतहरी की राशन दुकानों पर रैक पाइंट से सीधे पहुंचाया गया खाद्यान्न भी कम निकला
ट्रांसपोर्टर द्वारा राशन दुकानों पर सप्लाई किए गए खाद्यान्न के कम निकलने का ताजा मामला अनूपपुर जिले के जैतहरी में सामने आया है। एसडीएम विजय देहरिया ने नान के जिला प्रबंधक को पत्र लिखते हुए अनुभाग की 13 उचित मूल्य की दुकानों पर मई व जून 2021 का करीब 39 क्विंटल, गेहंू, चावल व शक्कर कम प्राप्त होने की बात कही है। एक अन्य वेंकटनगर स्थित उचित मूल्य की दुकान पर त्रुटिपूर्ण बिल देने तथा बिना सील की गई, लूज बोरियों में खाद्यान्न प्रदाय किए जाने के कारण हिसाब नहीं मिल पाने की बात भी पत्र में हैे। परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा जैतहरी विकासखंड में रैक पॉइंट से सीधे उचित मूल्य की दुकान पर खाद्यान्न पहुंचाए जाने पर भी एसडीएम ने कड़ी आपत्ति जताते हुए यह भी उल्लेखित किया है कि खाद्यान्न की कमी होने के कारण पीओएस मशीन सेल्समैन खाद्यान्न रिसीव नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से वितरण में भी समस्या आ रही है। नान के जिला प्रबंधक सत्यदेव बिरहा ने खाद्यान्न की मात्रा कहीं-कहीं कम पाए जाने की बात स्वीकारते हुए कहा कि, मामले की जांच कराई जा रही है। उन्होंने यह भी स्वीकारा रैक पॉइंट से परिवहन का ठेका श्रीराम ट्रांसपोर्ट कंपनी ने लिया था किंतु पेटी कॉन्ट्रेक्ट के रूप मेेंं यह परिवहन कार्य जकरिया ने किया है।दूसरी तरफ कांग्रेस इसमें कूद गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को पत्र लिखकर कहा है कि जांगिड़ को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
Created On :   19 Jun 2021 2:42 PM IST