समुद्री रास्ते से हज भेजने की तैयारी में सरकार, अकेले जा सकेंगी महिलाएं
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। मोदी सरकार ने साल 2018 के लिए नई हज नीति का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। अब हज यात्रियों को समुद्री रास्ते से हज पर भेजने पर विचार किया जा रहा है। हवाई जहाज के बजाय समुद्री रास्ते से जाने से यात्रियों पर आर्थिक बोझ कम होगा। नई हज नीति के तहत मुस्लिम महिलाएं बिना किसी मेहरम यानी (जिसके साथ खून का रिश्ता हो) के भी हज यात्रा कर सकेंगी। 45 साल से ज्यादा की महिलाएं 4 या उससे ज्यादा लोगों के ग्रुप के साथ हज पर जा सकेंगी।
शनिवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को सौंपे गए ड्राफ्ट में हज सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव है। पूर्व सचिव अफजल अमानुल्लाह की अध्यक्षता वाले पैनल के तैयार ड्राफ्ट में कुल 16 सिफारिशें हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि 2018 में हज नई नीति के तहत ही होगा। प्रस्तावित सुविधाओं के लिहाज से यह बेहतर नीति है। इससे पारदर्शिता के साथ हज यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
सब्सिडी खत्म करने का आदेश
गौरतलब है कि ड्राफ्ट तैयार करते समय साल 2012 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ख्याल रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में अपने एक आदेश में कहा था कि अगले 10 साल में हज सब्सिडी खत्म की जाए। सब्सिडी से बचने वाली रकम मुस्लिमों की शिक्षा, सशक्तिकरण और कल्याण पर खर्च की जाएगी। फिलहाल ड्राफ्ट पर मंत्रालय विचार करेगा। मंजूर होने वाली सिफारिशों पर अमल से पहले संबंधित पक्षों से भी बातचीत की जाएगी।
मुस्लिम महिलाओं को एक और तोहफा
नई नीति के तहत 45 साल की उम्र पार चुकी 4 या उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं। इसके लिए उन्हें किसी मेहरम के साथ जरूरत नहीं होगी। इसके पहले कोई भी महिला अपने खून के रिश्ते वाले रिश्तेदार के बिना हज पर नहीं जा सकती थी। सऊदी अरब भी 45 और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को हज के लिए प्रवेश की परमिशन देता है।
समुद्री रास्ते से सस्ता होगा सफर
सरकार गरीब मुसलमानों को हज यात्रा का सस्ता विकल्प मुहैया कराने पर विचार कर रही है। इसके लिए समुद्री जहाज से यात्रा की सुविधा दी जा सकती है। अभी तक सिर्फ हवाई जहाज से हज यात्रा संभव थी, जो काफी महंगी होती है। नई नीति में हज यात्रियों को देश में बेहतर सुविधाएं देने पर जोर दिया गया है। सरकार इसके लिए सऊदी अरब से बात करेगी, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से जरूरी टेंडर भी मंगाएगी।
अब सिर्फ 9 जगह से जा सकेंगे हज
इस नीति में यह प्रावधान किया गया है कि हज यात्रियों के प्रस्थान के स्थानों की संख्या को 21 से घटाकर 9 किया जाएगा। यह दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू और कोचीन में बनें। यहां हज हाउस भी बनाए जाएं। इन शहरों में उपयुक्त हज भवनों के निर्माण और दूरदराज के इलाकों और इन प्रस्थान स्थलों के बीच संपर्क बेहतर करने का प्रस्ताव भी दिया गया है।
Created On :   8 Oct 2017 3:45 AM GMT