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सरकारी विभागों से बकाया बिजली बिल वसूली के लिए नई तरकीब
डिजिटल डेस्क, विजय सिंह कौशिक, मुंबई। लाख कोशिशों के बावजूद राज्य का ऊर्जा विभाग सरकारी विभागों से बकाया बिजली बिल नहीं वसूल सका। सरकारी महकमों पर करीब 9हजार करोड़ रुपए का बकाया है। बकाया बिजली बिलों की वसूली न होते देख अब ऊर्जा विभाग ने एक नया प्रस्ताव तैयार किया है।नए प्रस्ताव के मुताबिक बकाया बिजली बिल का ब्याज और दंड राशि माफ कर सिर्फ मूल धन की वसूली होगी। हालांकि इससे ऊर्जा विभाग को कई हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा। ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने "दैनिक भास्कर" को बताया की सरकारी विभागों पर बकाया बिजली बिलों में से करीब आधी राशि ब्याज और दंड की ही है। महा आघाड़ी सरकार के दौरान तत्कालीन ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने बकाया बिजली बिलों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार को पत्र लिखा था। इसको लेकर कई बैठके भी हुई पर कोई परिणाम नहीं निकला। दरअसल प्रदेश में ग्राम पंचायतों और नगर परिषदों के बिजली बिल बकाया हैं।उन पर करीब 9 हजार करोड़ रुपए के बिजली बिल बकाया हैं।जबकि प्रदेश के किसानों पर 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के बिजली बिल बकाया हैं। अधिकारी ने बताया कि केवल घरेलू और औद्योगिक बिजली उपभोक्ता ही नियमित रूप से बिजली बिल भर रहे हैं।
नगर परिषद-ग्राम पंचायत बड़े बकायेदार
राज्य में नगर परिषदों और ग्राम पंचायतों के पास जलापूर्ति और स्ट्रीट लाइट के हजारों करोड़ रुपये के बिजली बिल बकाया हैं। कुछ ग्राम पंचायतें व नगर परिषदें बिजली बिलों का भुगतान कर रही हैं, लेकिन अधिकांश ग्राम पंचायतों व नगर परिषदों में बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। स्ट्रीट लाइट के एक लाख 911 ग्राहक हैं, इन पर 6 हजार 355 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है।इसमें से बिजली कर की मूल राशि 3510 करोड़ है जबकि इसमें2844 करोड़ ब्याज और जुर्माने की राशि शामिल है। जबकि 56 हजार 249 बिजली उपभोक्ताओं पर पानी के मीटरों का 2691 करोड़ रुपये बकाया है।इसमें से 1396 करोड़ रुपये मूल राशि है और 1295 करोड़ रुपये ब्याज और जुर्माना राशि है।राज्य सरकार ने तीन चरणों में मूलधन का भुगतान करने का निर्णय लिया है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव दिनेश वाघमारे ने बताया कि जुर्माने की राशि और ब्याज माफ कर दिया जाएगा, लेकिन इसके बाद ये सभी ग्राम पंचायतें व नगर परिषदें नियमित रूप से बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए बाध्य होंगी।
दिनेश वाघमारे, प्रधान सचिव, उर्जा विभाग के मुताबिक सरकार जल्द ही राज्य की ग्राम पंचायतों और नगर परिषदों के हजारों करोड़ के बकाया बिजली बिलों को माफ करने का साहसिक निर्णय लेगी। करीब 5000 करोड़ रुपये का बोझ राज्य सरकार वहन करेगी जबकि 4000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाएगा।"
Created On :   14 Nov 2022 9:30 PM IST