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एनआईए का दावा - वरवरा राव की सेहत स्थिर, सर्मपण करने का दिया जाए निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि भीमा-कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में आरोपी वरवरा राव की सेहत ठीक है। इसलिए उन्हें जेल के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाए। वरवरा राव फिलहाल अंतरिम मेडिकल जमानत पर है। एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदेश पाटिल ने न्यायमूर्ति नीतिम जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने कहा कि 83 वर्षीय राव की पिछले दिनों डाक्टरों के समूह ने नानावटी अस्पताल में जांच की थी। जांच के बाद डाक्टरों ने राय दी है कि राव को फिलहाल अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत नहीं है। उनकी सेहत स्थिर है। उन्होंने कहा कि राव को दी गई मेडिकल जमानत की अवधि समाप्त हो गई है। इसलिए राव को अब जेल प्रशासन के सामने समर्पण करने का निर्देश दिया जाए। इसके बाद राव के वकील की ओर से उठाए गए अन्य मुद्दों पर सुनवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि फरवरी 2021 को हाईकोर्ट ने 6 माह के लिए राव को सेहत ठीक न होने के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी। इसके तहत राव को 5 सितंबर 2021 को जेल प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर देना चाहिए था। लेकिन इस दौरान राव की मेडिकल जांच न हो पाने के चलते उनकी जमानत अवधि समय-समय पर बढाई जाती रही है।
वहीं राव की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि भले ही एनआईए ने नानावटी अस्पताल के डाक्टर की राय के आधार पर मेरे मुवक्किल की सेहत ठीक होने का दावा किया है लेकिन डाक्टरों की यह राय मेरे मुवक्किल के मेडिकल जांच रिपोर्ट पर आधारित नहीं है। इसलिए डाक्टरों की राय को तब तक न स्वीकार किया जाए जब तक राव की मेडिकल रिपोर्ट नहीं पेश की जाती है। एनआईए ने फिलहाल राव को लेकर जो रिपोर्ट कोर्ट को सौपी है उसमे सिर्फ दो डाक्टरों के हस्ताक्षर है। रिपोर्ट के मुताबित राव अपनी दैनिक गतिविधियां खुद करने में सक्षम है।
खंडपीठ ने फिलहाल दोनों पक्षों को सुनने के बाद नानावटी अस्पताल को राव की मौलिक मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई 20 दिसंबर 2021 को रखी है। तब तक राव जेल प्रशासन के सामने समर्पण नहीं करेंगे।
Created On :   17 Dec 2021 9:19 PM IST