पेंटिंग बेचने के खिलाफ हाईकोर्ट में मोदी ने दाखिल की याचिका

Nirav Modi filed petition in High Court against selling of painting
पेंटिंग बेचने के खिलाफ हाईकोर्ट में मोदी ने दाखिल की याचिका
पेंटिंग बेचने के खिलाफ हाईकोर्ट में मोदी ने दाखिल की याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक के करोड़ो रुपए के घोटाले के मामले में आरोपी नीरव मोदी के फर्म कैमलॉट इंटरप्राइजेज ने निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर है जिसके तहत आयकर विभाग को उसकी जब्त 68 पेंटिंग को बेचने की अनुमति दी गई है। पिछले दिनों मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन पर आयकर विभाग को पेंटिंग को बेचने की इजाजत दी थी। याचिका में निचली अदालत के आदेश को खामीपूर्ण बताया गया है और पेटिंग के नीलामी के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। 

पशुओं को ढोने वाले वाहनों के लिए क्यों नहीं हो रहा नियमों का पालन- हाईकोर्ट नाराज

इसके अलावा बांबे हाईकोर्ट ने मुर्गियों, बैल व दूसरे पशुओं को ढोनेवाले वाहनों के लिए राज्य सरकार द्वारा मोटर वेहिकल कानून के प्रावधानो को सख्ती से लागू न करने पर नाराजगी जाहिर की है। इस विषय पर विनियोग परिवार नामक संस्था ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि मोटर वेहिकल कानून के तहत पशुओं को ढोनेवाले वाहनों में प्राणियों के लिए ज्यादा जगह होनी चाहिए। जनवरी 2016 में इससे संबंधित नियम लाया गया है फिर भी इस नियम का पालन नहीं हो रहा है और वाहन मालिकों को पूराने कानून के तहत लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। प्राणियों को अमानवीय स्थिति में वाहनों पर ले जाया जाता है। यह प्राणियों के साथ क्रूरता है। सोमवार को न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राजू गुप्ता ने कहा कि पुराने नियमों के तहत वाहन मालिकों को 200 से अधिक लाइसेंस जारी किए गए हैं। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने कहा कि जब कानून में संसोधन कर जावित प्राणियों को ढोनेवाले वाहनों के लिए नए नियम बनाए गए तो उनका पालन क्यों नहीं हो रहा है? पुराने नियम से लाइसेंस क्यो जारी हो रहे हैं? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि उन्हें इस मामले में हलफनामा दायर करने व निर्देश लेने के लिए वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।

बार में पकड़े गए लोगों को कोर्ट ने दी अनाथ आश्रम में पैसे जमा करने का निर्देश 

उधर महानगर की एक अदालत ने डांस बार पर छापेमारी के दौरान पकड़े गए 47 आरोपियों को जमानत के लिए 3-3 हजार रुपए अनाथ आश्रम के लिए देने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने आरोपी ग्राहकों को लड़कियों पर पैसे लुटाते हुए पकड़ा था। इसके अलावा बार के मैनेजर और वेटरों को भी मामले में गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए ग्राहकों में कुछ ऐसे भी हैं जो मध्यप्रदेश और गुजरात से छुट्टियां बिताने आए थे। दरअसल पुलिस ने शनिवार देर रात ताडदेव इलाके में स्थित इंडियाना बार एंड रेस्टारेंट पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान न सिर्फ बार में आठ बारबालाएं ग्राहकों के करीब अश्लील तरीके से नाच रहीं थीं बल्कि उन पर पैसे भी लुटाए जा रहे थे। इस बार का लाइसेंस एक साल पहले ही निरस्त किया जा चुका है। पुलिस ने मामले में बार मैनेजर कर्मचारियों और ग्राहकों समेत 47 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी को रविवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। आरोपियों के वकीलों ने कहा कि उन्हें कैशबांड पर छोड़ा जा सकता है। लेकिन मजिस्ट्रेट सबीना मलिक इस मामले में सख्त थीं और वे चाहतीं थीं कि आरोपी सलाखों के पीछे रात बिताएं जिससे वे सबक सीख सकें। उन्होंने आरोपियों को जेल भेजने के संकेत दिए। मलिक ने कहा कि ऐसे लोग अपना परिवार बर्बाद कर देते हैं, इसलिए परिवार को भी पता चलना चाहिए कि वे क्या कर रहे थे। लेकिन 8 आरोपियों के वकील ने दलील की कि वे पहली बार इस तरह के अपराध में शामिल हुए हैं और आगे ऐसा नहीं करेंगे। इसके बाद मलिक ने आरोपियों को तीन-तीन हजार रुपए जमानत के तौर पर पुलिस के पास जमा कराने के कहा। यह राशि बदलापुर स्थित सतकर्म बालक आश्रम में जमा कराई जाएगी। बता दें कि आम तौर पर जमानत की राशि सरकार के कोष में जमा की जाती है यह अनोखा मामला है जब अदालत ने इस तरह का निर्देश दिया है।

Created On :   25 March 2019 4:35 PM GMT

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