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हादसे के जिम्मेदार मनपा अधिकारियों पर नहीं हुई कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, अमरावती. स्थानीय प्रभात टॉकीज के पास स्थित जर्जर राजेंद्र लॉज का नीचला हिस्सा ढहने से हुई दुर्घटना में पांच बेगुनाह लोगों की मौत हुई थी तथा अन्य दो घायल हुए थे। इस घटना को रविवार को 8 दिन बीत चुके हैं। इन 8 दिनों में कोतवाली पुलिस ने राजेंद्र लॉज के मालिक समेत राजदीप इंटरप्राइजेस के संचालक और दुकान में गर्डर डालने के काम का ठेका लेनेवाले ठेकेदार पर कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया है। किंतु इस हादसे के लिए जिम्मेदार मनपा के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी पर पुलिस ने अभी तक कार्रवाई निश्चित नहीं की है। जिससे पुलिस जांच में घटना के आठ दिन बाद भी एमएमसी एक्ट की ओर अनदेखी किए जाने की बात सामने आई है। रविवार 30 अक्टूबर को राजेंद्र लॉज का नीचला हिस्सा गिरने के बाद इस घटना में मृत मजदूर का भाई और पिता कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करने गए थे। उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार मनपा के अधिकारियों को आरोपी बनाने की मांग की थी। लेकिन उसी समय मनपा के अभियंता सुहास चव्हाण वहां पहंुचे और उन्होंने इस घटना के लिए राजेंद्र लॉज के संचालक राहुल राजेंद्र जैन, राजदीप इंटरप्राइजेस के संचालक और जर्जर मकान का काम करनेवाले ठेकेदार को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया था और पुलिस ने उन पर प्राथमिक शिकायत के आधार पर मामला भी दर्ज कर जांच शुरू की और राजेंद्र लॉज के मूल मालिक समेत जो दुकान ढही उसके संचालक और ठेकेदार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। किंतु इस समूची घटना में बीएमसी एक्ट के अनुसार मनपा की जो जिम्मेदारी निश्चित होती है उसे अनदेखी कर कोतवाली पुलिस ने घटना के 8 दिन बाद भी मनपा के जिम्मेदार किसी अधिकारी पर कार्रवाई का शिकंजा नहीं कसा है।
जोन 2 में अनेक जर्जर इमारतें शान से हैं खड़ी
मनपा के जोन 2 अंतर्गत शहर का मुख्य चहल-पहल वाला परिसर आता है। जिसमें राजकमल, जयस्तंभ, रायली प्लॉट, चित्रा चौ,क, प्रभात चौक आदि क्षेत्र में बड़ी-बड़ी इमारतें अभी भी जर्जर स्थिति में खडी है। जिसे लगभग 5 वर्ष पहले ही मनपा ने गिराना जरूरी था। लेकिन ऐसी इमारताें की बिजली व पानी का कनेक्शन काटकर वहां के किराएदारों को हटाने की दिशा में मनपा ने अभी तक कोई पहल नहीं की।
यह हुई मनपा की गलती
महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम की कलम 63 (22) के तहत मनपा का कर्तव्य है कि उसने जर्जर इमारत अथवा असुरक्षित जगह को निश्चित कर उसे तत्काल गिराना चाहिए। अगर मनपा ऐसे जर्जर मकानों पर अनदेखी करती है तो कलम 72 (क) के अनुसार नियमित कामकाज के 7 दिन तथा तत्काल स्वरुप की फाइल एक दिन अथवा दूसरे दिन में पूर्ण कर उसका निपटारा करना चाहिए। इस काम में अगर पदनिर्देशित अधिकारी लापरवाही करता है तो उस पर अनुशासन उल्लंघन की कार्रवाई करनी चाहिए। एमएमसी एक्ट की कलम 264 के तहत जर्जर इमारत को तत्काल गिराने का अधिकार मनपा को है। कलम 268 के तहत संबंधित जर्जर मकान का मालिक और किरायेदार वहां से हटने तैयार न हो तो पुलिस की मदद लें। आदि सभी नियम रहते हुए भी मनपा ने बरसों से जर्जर खड़ी इस इमारत को गिराने की दिशा में कोई पहल नहीं की। यह जर्जर इमारत मनपा के जोन नंबर 2 अंतर्गत आती है। इस कारण प्राथमिक जांच में मकान मालिक, किरायेदार के साथ मनपा के संबंधित जोन के अभियंता और सहायक अायुक्त भी इस घटना के लिए जिम्मेदार माने जाते है। किंतु इस एक्ट की ओर अभी तक अनदेखी की जा रही है।
Created On :   7 Nov 2022 5:21 PM IST