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उर्वशी को अग्रिम जमानत नहीं, देशविरोधी नारेबाजी में एफआईआर दर्ज, तेज हुई तलाश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देशद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार उर्वशी चूड़ावाला की अग्रिम जमानत याचिका सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है। बुधवार को चूड़ावाला की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत राज्यवैद्य ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया। चूड़ावाला के वकील ने कहा कि वह सिर्फ 22 साल की है और एमए अंतिम वर्ष की छात्रा है और दो सेकेंड के वीडियो के चलते उसका करियर खत्म हो जाएगा। अभियोजन पक्ष ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि चूड़ावाला एक ऐसे शख्स का समर्थन कर रही थी जो आधिकारिक रूप से देश का दुश्मन है। उसने जांच में सहयोग नहीं किया और सबूत मिटाने की कोशिश की। पुलिस के मुताबिक चूड़ावाला ‘शरजील तेरे सपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे’ नारा लगाने वालों की अगुआई कर रही थी। मंगलवार को चूड़ावाला ने मुंबई स्थित सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।
पुलिस ने तेज की तलाश
जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पुलिस ने चूड़ावाला की तलाश तेज कर दी है। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी प्रणय अशोक ने बताया कि फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दरअसल चूड़ावाला और उसके 50 साथियों के खिलाफ शरजील इमाम के समर्थन में नारे लगाने के आरोप में आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। फरार उर्वशी की मां रीना चूड़वाला मंगलवार को आजाद मैदान पुलिस स्टेशन पहुंची थी और उन्होंने दावा किया था कि उर्वशी कहां है उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। आजाद मैदान में एक फरवरी को हुए क्वीर आजादी मार्च के दौरान चूड़ावाला और उसके साथियों ने ‘शरजील तेरे सपनों को हम मंजिल तक पहुंचाएंगे’ के नारे लगाए थे। रीना ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनकी बेटी कहां है फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं है लेकिन संपर्क होने पर उसे पुलिस से सहयोग करने को कहेंगी।
दो वकील गिरफ्तार
गेटवे ऑफ इंडिया पर बिना इजाजत धरना प्रदर्शन के मामले में कोलाबा पुलिस ने दो वकीलों को गिरफ्तार किया है। हालांकि बाद में दोनों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने मिहिर देसाई और लारा जेसानी नाम के वकीलों को गिरफ्तार किया था। बता दें कि कुछ दिनों पहले जेएनयू में विद्यार्थियों पर हुए हमले की घटना से नाराज करीब 2000 हजार प्रदर्शनकारी बिना इजाजत गेटवे ऑफ इंडिया पर जमा हो गए थे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। इसी दौरान कश्मीर की आजादी के पोस्टर लहराने वाली लड़की के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। दो दिन तक चले धरने के बाद लोगों को पुलिस ने जबरन आजाद मैदान भेज दिया था जहां धरना खत्म कर दिया गया।
Created On :   5 Feb 2020 8:36 PM IST