बेटी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना कर रही सौतेली मां को जमानत नहीं

No bail to stepmother facing charges of sexually assaulting daughter
बेटी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना कर रही सौतेली मां को जमानत नहीं
हाईकोर्ट बेटी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना कर रही सौतेली मां को जमानत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 17 वर्षीय बेटी की मर्जी के बिना उसका ह्वाट्स एप संदेश पढनेवाली व कथित रुप से उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना कर रही सौतेली मॉ को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। पीड़ित बेटी ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि जब उसके पिता विदेश गए थे तो उसकी सौतेली मां ने अपने कमरे में उसका यौन उत्पीड़न किया था। यहीं नहीं सौतेली मां ने उसके साथ काफी बदसलूकी भी की थी। इसके अलावा जब मैं(बेटी) कोरोना संक्रमित हुई थी तो सौतेली मां ने मेरी देखभाल ठीक से नहीं की थी। मुझे घर में बासी भोजन दिया गया। मुझे कमरे में भी बंद किया गया। पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने सौतेली मां के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354,323,504 व पाक्सों कानून की  धारा 8 व 12 तथा बाल न्याय कानून की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को  देखते हुए सौतेली मां ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन दायर  किया था। 

न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील ने दावा किया कि पीड़िता ने यौन उत्पीड़न का जो कथित आरोप लगाया  है वह जून 2018 का  है। इस मामले  को लेकर 11 नवंबर 2021 को शिकायत दर्ज कराई गई है। इस लिहाज से देखा  जाए तो काफी देरी  से शिकायत  दर्ज कराई गई  है। इसलिए इस पर विचार न किया जाए। इसके अलावा मेरे मुवक्किल का अपने पति के साथ विवाद चल  रहा है।  इसलिए बेटी से मेरे मुवक्किल के  खिलाफ शिकायत दर्ज  कराई गई है। 

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि पीड़िता पहले पूरी तरह से आरोपी के नियंत्रण में थी। आरोपी ने लंबे समय तक पीड़िता के साथ क्रूर बरताव किया है। ऐसे में उसकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। बाल कल्याण कमेटी के सजस्य से बातचीत  करने के बाद पीड़िता में आत्मविश्वास आया और उसने शिकायत दर्ज  कराई है।  इसलिए इस मामले में शिकायत दर्ज कराने में देरी के पहलू पर विचार नहीं किया जा सकता है।  इस तररह न्यायमूर्ति ने आरोपी के अग्रिम जमानत  आवेदन  को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति ने आरोपी  को 20 जनवरी तक मिली अंतरिम राहत को बरकरार रखा है। 

Created On :   8 Jan 2022 8:37 PM IST

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